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जब गांजे के फेर में फंसे वसीम अकरम और वकार यूनुस, रात 3 बजे मचा हड़कंप, पीएम तक को करना पड़ा दखल

Wasim Akram and Waqar Younis caught in the marijuana case: पाकिस्तानी क्रिकेट का विवादों से गहरा नाता रहा है. 1993 में वसीम अकरम, वकार यूनुस, आकिब जावेद और मुश्ताक अहमद गांजा रखने के मामले में पकड़े गए. यह वही खिलाड़ी थे जिन्होंने 1992 विश्वकप में पाकिस्तान को जीत दिलाई थी. इस स्कैंडल ने क्रिकेट जगत को हिला दिया.

Wasim Akram and Waqar Younis caught in the marijuana case: पाकिस्तान क्रिकेट और विवादों का बड़ा पुराना नाता रहा है. मैच फिक्सिंग, बॉल टैंपरिंग के साथ कई स्कैंडल में पाकिस्तानी खिलाड़ी फंसे. लेकिन कई खिलाड़ियों का ड्रग्स मामले में भी नाम आया. आज के किस्से में हम आपको रूबरू करवाएंगे वर्तमान पाकिस्तानी टीम के लीजेंड्स के कारनामों से, जिसमें प्रधानमंत्री तक को शामिल होना पड़ गया. इस मामले में वसीम अकरम जैसे दिग्गज भी लपेटे में आए थे. इतना ही इस केस में वर्तमान पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के चीफ सेलेक्टर आकिब जावेद, दिग्गज स्पिनर मुश्ताक अहमद और तूफानी गेंदबाज वकार यूनुस भी शामिल रहे. वकार को छोड़कर सभी पाकिस्तान की 1992 के विश्वकप विजेता टीम के सदस्य रहे थे. लेकिन अगले ही साल ये सभी इस मामले में ऐसा फंसे कि पूरा क्रिकेट जगत हैरान रह गया. यानी सभी के सभी गेंदबाज गांजा रखने के मामले में पकड़े गए. 

पाक गेंदबाजी की रीढ़ पर संकट

यह अप्रैल 1993 में कैरेबियाई दौरे की बात है. इंग्लैंड का सफल दौरा करने के बाद, तब की विश्व चैंपियन पाकिस्तान टीम वेस्टइंडीज गई थी, जहाँ उसे तीन टेस्ट और पाँच वनडे खेलने थे. वहाँ पाकिस्तान के कप्तान थे वसीम अकरम, वे पहली बार ही टीम का नेतृत्व कर रहे थे और उपकप्तान थे वकार यूनुस. इन दोनों के साथ तेज गेंदबाज आकिब जावेद और लेग स्पिनर मुश्ताक अहमद टेस्ट सीरीज से पहले ग्रेनेडा पहुंचे और रात में टहलने के लिए बीच पर निकले. लेकिन पाक टीम की गेंदबाजी की रीढ़ के चारों खिलाड़ियों को होटल के पास बीच पर आराम करते समय गांजा (मारिजुआना) रखने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. इस घटना ने एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय विवाद खड़ा कर दिया, जिसमें पाकिस्तानी अधिकारियों ने खिलाड़ियों को फँसाने की साजिश का आरोप लगाया. वजह यह बताई गई कि मेहमान टीम वनडे सीरीज में मजबूती से वापसी कर चुकी थी, जो 2-2 से बराबरी पर खत्म हुई थी और आखिरी मैच टाई रहा था.

Mushtaq Ahmed And Aqib Javed
मुश्ताक अहमद और आकिब जावेद.

दिग्गजों को भिखारी ने फंसा दिया

हुआ यूँ कि जॉर्जटाउन में तीन दिवसीय अभ्यास मैच खेलने के बाद जैसे ही पाकिस्तानी खिलाड़ी ग्रेनाडा पहुँचे, उनमें से कुछ सीधे होटल के पास बीच पर चले गए. वहाँ उनकी मुलाकात दो इंग्लिश महिला पर्यटकों से हुई, जो बातचीत के लिए आई थीं. कुछ देर बाद एक भिखारी उनके पास आया तो आकिब ने उसे कुछ ईस्टर्न कैरेबियन डॉलर दिए. भिखारी पास ही बैठ गया और थोड़ी देर बाद दो और लोग खिलाड़ियों के पास आए. 

वे खुद को प्रशंसक बताते हुए बातचीत करने लगे. लेकिन कुछ ही पलों में उन्होंने रेत से कुछ सिगरेट बट्स निकाले और खुद को पुलिस बताते हुए खिलाड़ियों को नशीली दवाओं को बनाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. उस समय ग्रेनाडा के नए ड्रग्स कानून के तहत यह एक बड़ा अपराध था.  अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की मेडिकल कमीशन के सूत्रों ने तब कहा था कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों को तब तक दोषी नहीं ठहराया जा सकता जब तक वैज्ञानिक डोप टेस्ट से यह साबित न हो जाए कि उन्होंने वास्तव में ड्रग्स का सेवन किया हो.

बिना डोप टेस्ट के माथें मढ़ दिया इल्जाम

वास्तव में असलियत भी यही थी कि चारों पाकिस्तानी खिलाड़ियों को न तो रंगे हाथ पकड़ा गया और न ही उनके पास से कोई ड्रग बरामद हुआ. यहां तक कि उनका कोई डोप टेस्ट भी नहीं कराया गया. उस समय की इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष, जस्टिस नसीम हसन शाह, इस खबर से हैरान रह गए. उन्होंने आरोपियों का बचाव करते हुए कहा, “शायद वनडे सीरीज में पाकिस्तान की वापसी के बाद वेस्टइंडीज के कुछ तत्वों ने हमारे बेहतरीन खिलाड़ियों को बदनाम करने के लिए ड्रग्स रख दिए हों.”

जमानत पर छूटे, लेकिन दौरा मुश्किल में पड़ा

रात करीब 3 बजे पुलिस स्टेशन में स्थानीय क्रिकेट अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया और प्रत्येक गिरफ्तार खिलाड़ी के लिए EC$1,000 (करीब US$400) की जमानत दी. पाकिस्तानी खिलाड़ियों की तरफ से मशहूर वकील (QC) डेरेक नाइट ने पैरवी की, जिन्हें ग्रेनाडा क्रिकेट एसोसिएशन ने उपलब्ध कराया. पुलिस कमिश्नर ने कहा कि जब्त पदार्थ की जाँच के बाद सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया जाएगा. वकील ने दलील दी कि खिलाड़ियों के खिलाफ सबूत बेहद कमजोर हैं और उन पर कोई ठोस आरोप नहीं बनता. हालांकि पहले ही पब्लिक प्रॉसीक्यूटर से इस मामले को सबूतों की कमी के आधार पर रद्द करने की अपील की जा चुकी थी. अगर पाकिस्तानी खिलाड़ी दोषी पाए गए तो बाकी दौरा ही खतरे में पड़ सकता था और दोनों टीमों के बीच भविष्य के क्रिकेट संबंध भी प्रभावित हो सकते थे. 

ग्रेनेडा के पीएम से दखल देनी की उठी मांग

पाकिस्तान प्रबंधन ने इन आरोपों का कड़ा विरोध किया और दावा किया कि खिलाड़ियों को फंसाया गया था ताकि टीम का मनोबल तोड़ा जा सके. विवाद इतना बढ़ गया कि यह राजनयिक स्तर तक पहुँच गया, जब ग्रेनाडा के क्रिकेट अधिकारियों ने प्रधानमंत्री निकोलस ब्रेथवेट से खिलाड़ियों की ओर से हस्तक्षेप करने की अपील की. राजनीतिक हस्तक्षेप से मामले को सुलझाने की उम्मीद तब टूट गई जब ग्रेनाडा के प्रधानमंत्री निकोलस ब्रेथवेट ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि वे दखल नहीं देंगे और कानून को अपना काम करने देंगे.

पाकिस्तानी क्रिकेट के लिए यह एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण विवाद था, उस समय जब उसे सिर्फ और सिर्फ क्रिकेटिंग ऊँचाइयों पर होना चाहिए था. आखिरकार यह तूफान शांत हुआ, लेकिन मानसिक तनाव से उबरने के लिए खिलाड़ियों को समय देने हेतु त्रिनिदाद में पहला टेस्ट मैच एक दिन की देरी से शुरू हुआ.

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Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक। वर्तमानः डिजिटल पत्रकार @ प्रभात खबर। इतिहास को समझना, समाज पर लिखना, धर्म को जीना, खेल खेलना, राजनीति देखना, संगीत सुनना और साहित्य पढ़ना, जीवन की हर विधा पसंद है। क्रिकेट से लगाव है, इसलिए खेल पत्रकारिता से जुड़ा हूँ.

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