Vaibhav Suryavanshi Century: भारतीय क्रिकेट में उभरते चेहरे वैभव सूर्यवंशी (Vaibhav Suryavanshi) ने मंगलवार को ईडन गार्डन्स पर ऐसा कारनामा कर दिया जिसने उन्हें चर्चा के केंद्र में ला दिया है. 14 साल के इस युवा बल्लेबाज ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (Syed Mushtaq Ali Trophy) में अपना पहला शतक ठोका और टूर्नामेंट इतिहास के सबसे युवा शतकवीर बन गए. तीन मैचों की नाकामी के बाद महाराष्ट्र के खिलाफ वैभव ने ऐसी पारी खेली जिसने न सिर्फ बिहार को मजबूत स्कोर तक पहुंचाया बल्कि यह भी दिखा दिया कि आने वाले समय में वह भारतीय क्रिकेट में बड़ा नाम बन सकते हैं.
वैभव सूर्यवंशी की धमाकेदार वापसी
बिहार के युवा बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी ने इस टूर्नामेंट के पहले तीन मैचों में सिर्फ 32 रन बनाए थे. लगातार नाकामी के बाद उन पर दबाव स्वाभाविक था. लेकिन चौथे मुकाबले में उन्होंने कमाल की वापसी की. बाएं हाथ के बल्लेबाज ने शुरुआत में संयम दिखाया और फिर तेजी से स्कोर बढ़ाया. वैभव ने 58 गेंदों में अपना शतक पूरा किया और इस पारी में आक्रामकता का बेहतरीन नमूना पेश किया. उन्होंने सात चौके और सात छक्के लगाकर विरोधी गेंदबाजों पर लगातार दबाव बनाए रखा.
ईडन गार्डन्स पर बनी ऐतिहासिक पारी
महाराष्ट्र के खिलाफ बिहार ने पहले बल्लेबाजी की और वैभव सूर्यवंशी पारी की शुरुआत करने मैदान पर उतरे. शुरुआत में बिपिन सौरभ और फिर पीयूष के जल्दी आउट होने से उन पर जिम्मेदारी बढ़ गई. लेकिन वैभव ने धैर्य नहीं खोया. उन्होंने आकाश राज के साथ तीसरे विकेट के लिए 70 रन की अहम साझेदारी की. इसके बाद आयुष लोहारुका के साथ नाबाद 75 रन जोड़कर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया. वैभव ने 61 गेंदों पर नाबाद 108 रन बनाए और 177 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से खेलते हुए टीम को 20 ओवर में 176/3 तक पहुंचाया.
दबाव में खेली गई पारी का शानदार अंत
पारी के आखिरी ओवर की पहली ही गेंद पर वैभव ने अर्शीन कुलकर्णी को चौका लगाकर अपना शतक पूरा किया. यह शतक उनके आत्मविश्वास की बड़ी झलक था क्योंकि शुरुआत में विकेट गिरते रहने के बावजूद उन्होंने खुद को संभाले रखा. अंतिम ओवरों में उन्होंने बड़ी हिटिंग करते हुए रन रफ्तार बढ़ाई और टीम की पारी को शानदार अंत दिलाया. इस पारी को खास बनाती है यह बात कि 14 साल की उम्र में इतनी समझदारी और मैच अवेयरनेस शायद ही किसी युवा खिलाड़ी में देखने को मिलती है.
भारतीय क्रिकेट के लिए शुभ संकेत
वैभव सूर्यवंशी की यह पारी भारतीय क्रिकेट के लिए उत्साह बढ़ाने वाली है. इतनी छोटी उम्र में इस स्तर पर शतक जमाना किसी बड़े भविष्य की ओर इशारा करता है. घरेलू क्रिकेट में ऐसे प्रदर्शन युवा खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को मजबूत करते हैं और चयनकर्ताओं का ध्यान भी आकर्षित करते हैं. बिहार के लिए यह पारी काफी महत्वपूर्ण रही क्योंकि इससे टीम ने जीत की उम्मीद मजबूत की और वैभव को देशभर के क्रिकेट प्रेमियों ने नोटिस किया. आने वाले मुकाबलों में उन पर नजरें जरूर रहेंगी कि वह इस लय को कितने समय तक कायम रख सकते हैं.

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