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बिहार में चमकने वाला है क्रिकेट का भाग्य, सुप्रीम कोर्ट के इस कदम ने भ्रष्टाचारी जाएंगे जेल

Bihar Cricket: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार 12 अगस्त को बिहार क्रिकेट संघ (बीसीए) के पदाधिकारियों की अवैध गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव को एसोसिएशन का नया लोकपाल नियुक्त किया है. इसके बाद, न्यायालय ने मामले का निपटारा करते हुए टिप्पणी की कि ऐसे संघों में गंदी राजनीति चल रही है और सरकारी राजस्व की बर्बादी हो रही है.

Bihar Cricket: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने सेवानिवृत्त न्यायाधीश एल नागेश्वर राव को बिहार क्रिकेट संघ का लोकपाल नियुक्त किया, जिससे कि कुछ पदाधिकारियों की कथित अवैध गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कहा कि वह किसी बाहरी ताकत के हस्तक्षेप या सदस्यों के आपसी विवादों के बिना संघ के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए यह आदेश पारित कर रही है. शीर्ष अदालत, पटना हाईकोर्ट के एक आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

बीसीसीआई को लोकपाल को नियुक्त करने का अधिकार नहीं

हाईकोर्ट के उस आदेश में अदालत के पूर्व न्यायाधीश शैकेश कुमार सिंह को लोकपाल नियुक्त करने के एकल पीठ के निर्देश को रद्द कर दिया था. शीर्ष अदालत ने कहा कि पूरा मामला लोकपाल की नियुक्ति के इर्द-गिर्द घूमता है. शीर्ष अदालत ने कहा कि एकल न्यायाधीश ने नियुक्ति की थी लेकिन उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने इस नियुक्ति को रद्द कर दिया और बीसीसीआई को एक नया लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश दिया. पीठ ने कहा, ‘हम यह समझ नहीं पा रहे हैं कि बीसीसीआई इस मामले में क्यों शामिल है और जहां तक बिहार क्रिकेट संघ का सवाल है तो बीसीसीआई का लोकपाल की नियुक्ति से क्या लेना-देना है. ऐसी परिस्थितियों में व्यापक जनहित में और बिहार क्रिकेट संघ के सुचारू और प्रभावी संचालन के लिए हम इस नियुक्ति को रद्द करते हैं.’

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव बनें लोकपाल

उन्होंने कहा, ‘हम उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव को बिहार क्रिकेट संघ का लोकपाल नियुक्त करते हैं. बिहार क्रिकेट संघ के कामकाज की रूपरेखा तय करने के लिए दोनों पक्षों की न्यायमूर्ति राव के साथ एक औपचारिक बैठक होनी चाहिए.’ पीठ ने कहा, ‘न्यायमूर्ति राव को दिया जाने वाला मानदेय संबंधित पक्षों के परामर्श से तय किया जाएगा.’ पीठ ने कहा, ‘हमारा एकमात्र उद्देश्य बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करना है, बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप या सदस्यों के आपसी विवादों आदि के. आज की तारीख में, पूरी बहस लोकपाल की नियुक्ति के इर्द-गिर्द घूम रही है.’

बिहार के खिलाड़ियों को होगा फायदा

बिहार क्रिकेट एसोशिएशन का विवाद नया नहीं है. इसकी वजह से बिहार के क्रिकेट प्रतिभाओं को काफी नुकसान हुआ है. कई खिलाड़ियों को पड़ोसी राज्यों की ओर से खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से खेल में व्याप्त भ्रष्टाचार का खुलासा होने की संभावना है और बिहार में एक साफ-सुधरी क्रिकेट संघ की स्थापना होने से वहां के स्थानीय खिलाड़ियों को फायदा होगा. साथ ही राज्य में इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियमों के निर्माण का रास्ता साफ होगा, जिससे वहां के फैंस को इंटरनेशनल मैच का आनंद भी मिल सकेगा.

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AmleshNandan Sinha
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अमलेश नंदन सिन्हा प्रभात खबर डिजिटल में वरिष्ठ खेल पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता में 15 से अधिक वर्षों का अनुभव है. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई करने के बाद से इन्होंने कई समाचार पत्रों के साथ काम किया. इन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत रांची एक्सप्रेस से की, जो अपने समय में झारखंड के विश्वसनीय अखबारों में से एक था. एक दशक से ज्यादा समय से ये डिजिटल के लिए काम कर रहे हैं. खेल की खबरों के अलावा, समसामयिक विषयों के बारे में भी लिखने में रुचि रखते हैं. विज्ञान और आधुनिक चिकित्सा के बारे में देखना, पढ़ना और नई जानकारियां प्राप्त करना इन्हें पसंद है.

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