टीम इंडिया के भरोसेमंद टेस्ट बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने हाल ही में क्रिकेट के सभी फॉर्मेट्स से संन्यास लेने की घोषणा कर दी. लंबे समय तक भारत की टेस्ट टीम की रीढ़ रहे पुजारा को इंग्लैंड सीरीज के लिए टीम में जगह नहीं मिली और उसके बाद उन्हें दलीप ट्रॉफी में भी चयनकर्ताओं ने नजरअंदाज कर दिया. इसी बीच भारत के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि पुजारा को पहले ही रिटायरमेंट ले लेना चाहिए था, क्योंकि उनके करियर का अंत पहले से ही साफ दिखाई दे रहा था. (Robin Uthappa Comment on Cheteshwar Pujara)
पुजारा पर उथप्पा का बयान
रॉबिन उथप्पा ने अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए कहा “मुझे लगता है कि उन्होंने अपने करियर को थोड़ा ज्यादा लंबा खींच लिया. मुझे लगता है उन्हें पहले ही साफ कर दिया गया था कि अब उन्हें आगे टीम में नहीं देखा जाएगा. इंग्लैंड दौरे के लिए नहीं चुने जाने के बाद तो तस्वीर और साफ हो गई. भारत की नई साइकिल की शुरुआत में फिर से पुजारा और रहाणे जैसे खिलाड़ियों को वापस लाना मुश्किल था. मेरे हिसाब से जब उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे (बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024) के लिए नहीं चुना गया, तभी उन्हें संन्यास ले लेना चाहिए था. लेकिन मानता हूं कि यह फैसला लेना बेहद मुश्किल होता है.”
पुजारा टीम इंडिया की ‘दीवार’
चेतेश्वर पुजारा को उनकी दृढ़ता, धैर्य और लंबी पारी खेलने की क्षमता के लिए हमेशा याद किया जाएगा. उन्हें अक्सर भारतीय टीम का “दीवार” कहा जाता था, खासकर विदेशी पिचों पर. उन्होंने मुश्किल हालातों में भी क्रीज पर टिककर टीम को संभालने की कला दिखाई. हालांकि, 2023 के बाद से युवा खिलाड़ियों को तरजीह मिलने लगी और पुजारा धीरे-धीरे चयनकर्ताओं की योजनाओं से बाहर हो गए.
उथप्पा की यादगार कहानी
उथप्पा ने पुजारा से जुड़ी एक खास याद साझा करते हुए बताया “यह 2009-10 का घरेलू सीजन था. कर्नाटक बनाम सौराष्ट्र का मैच था. पुजारा ने उसमें तिहरा शतक लगाया. पहले दिन के खेल में उन्होंने 200 से ज्यादा रन बनाए थे. अगले दिन मैं सुबह जल्दी प्रैक्टिस के लिए गया तो देखा कि पुजारा 7:30 बजे मैदान पर आकर उसी तरह नेट्स में बल्लेबाजी कर रहे थे, जैसे कि मैच से पहले. यह उनके बल्लेबाजी के प्रति जुनून और समर्पण को दर्शाता है. वह हमेशा ‘नॉट आउट’ रहने और लंबे समय तक खेलने के लिए जुनूनी रहते थे.”
शानदार करियर का अंत
चेतेश्वर पुजारा ने भारत के लिए 103 टेस्ट मैच खेले, जिनमें उन्होंने 43.60 की औसत से 7,195 रन बनाए. उनके नाम 18 शतक और 35 अर्धशतक दर्ज हैं. वे भारत के सर्वकालिक सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में आठवें स्थान पर हैं. टेस्ट के अलावा, उन्होंने फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में 21,301 रन बनाए, जो उनके धैर्य और निरंतरता की मिसाल है.
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