Ranji Trophy: मुंबई के युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) एक बार फिर फॉर्म में हैं. रणजी ट्रॉफी के मुकाबले में राजस्थान के खिलाफ दूसरी पारी में उन्होंने जबरदस्त बल्लेबाजी करते हुए 120 गेंदों में शतक ठोका. उनकी इस पारी ने मुश्किल में फंसी मुंबई टीम को संभालने का काम किया. यशस्वी की ये पारी उनके क्लास और आत्मविश्वास दोनों को दिखाती है. (Rajasthan vs Mumbai Yashasvi Jaiswal Century).
राजस्थान के खिलाफ कमाल की पारी
राजस्थान ने पहली पारी में 300 से ज्यादा रन बनाकर बढ़त हासिल की थी. ऐसे में मुंबई पर दबाव था. टीम को जरूरत थी एक ठोस शुरुआत की, ताकि मैच में वापसी की उम्मीद जिंदा रह सके. यहीं पर ओपनर यशस्वी जायसवाल और मुशीर खान की जोड़ी ने मोर्चा संभाला. दोनों ने मिलकर ओपनिंग विकेट के लिए 149 रन की साझेदारी की. मुशीर खान 63 रन बनाकर आउट हुए, लेकिन जायसवाल डटे रहे और टीम को मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया.
जायसवाल ने जड़ा करियर का 17वां शतक
यशस्वी जायसवाल ने अपना शतक सिर्फ 120 गेंदों में पूरा किया. इस दौरान उन्होंने 11 शानदार चौके लगाए. उनकी बल्लेबाजी देखने लायक थी धैर्य, टाइमिंग और आत्मविश्वास का बेहतरीन मेल. राजस्थान के गेंदबाजों के सामने वे बेहद सहज नजर आए और एक-एक रन लेकर स्कोर आगे बढ़ाते रहे. ये शतक उनके फर्स्ट क्लास करियर का 17वां शतक रहा.
लगातार फॉर्म में हैं जायसवाल
यशस्वी जायसवाल ने पिछले कुछ महीनों में शानदार निरंतरता दिखाई है. रेड बॉल क्रिकेट की पिछली 4 पारियों में उन्होंने 3 बार 50 से ज्यादा रन बनाए, जिनमें दो शतक शामिल हैं. उनकी यह निरंतरता बताती है कि वे सिर्फ लिमिटेड ओवर क्रिकेट के खिलाड़ी नहीं, बल्कि लंबे फॉर्मेट में भी भरोसेमंद नाम बन चुके हैं.
टेस्ट क्रिकेट में भी शानदार औसत
यशस्वी सिर्फ घरेलू क्रिकेट में ही नहीं, इंटरनेशनल क्रिकेट में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं. कम से कम 2000 टेस्ट रन बनाने वाले खिलाड़ियों में, साल 1980 के बाद से वे सबसे बेहतर औसत वाले ओपनर हैं. उनका टेस्ट औसत 52.60 का है, जो ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज मैथ्यू हेडन (50.73) से भी ज्यादा है. ये आंकड़ा बताता है कि जायसवाल का खेल अब परिपक्वता की ओर बढ़ चुका है और वो भारत के भविष्य के भरोसेमंद ओपनर बन चुके हैं.
मुंबई को दिलाई वापसी की राह
राजस्थान के खिलाफ दूसरी पारी में जब मुंबई मुश्किल में थी, तब यशस्वी की ये पारी टीम के लिए उम्मीद की किरण बनी. उन्होंने एक छोर थामे रखा और पारी को स्थिरता दी. उनकी बल्लेबाजी ने मुंबई को न सिर्फ बैकफुट से फ्रंटफुट पर लाया, बल्कि मैच का पूरा मोमेंटम भी बदल दिया. टीम अब मुकाबले में मजबूती से टिक गई है, और इसमें सबसे बड़ा योगदान जायसवाल की इस शानदार शतकीय पारी का रहा.
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