Prithvi Shaw: पृथ्वी शॉ ने बहुत छोटी सी उम्र में ढेर सारी उपलब्धि हासिल की थी. 2013-14 में केवल 14 साल की उम्र में उन्होंने 546 रन जड़े. 2018 में भारत को अंडर-19 विश्वकप जितवा दिया. भारतीय टीम के लिए टेस्ट डेब्यू करते हुए पहले ही मैच में शतक जड़ दिया. लेकिन परिस्थितियां ऐसी खराब हुईं कि वे न केवल आउट ऑफ फॉर्म हुए, बल्कि टीम इंडिया सहित आईपीएल से भी बाहर हो गए. इतना ही नहीं पृथ्वी अपने अनुशासन और फिटनेस से जुड़ी समस्याओं के कारण करियर में गिरावट देखते रहे और मुंबई की टीम से बाहर कर दिए गए. उन्हें कई दिग्गजों से सुधार की सलाह मिली, जिसके बाद शायद उन्होंने बदलाव की ठानी. अब महाराष्ट्र से खेलते हुए उन्होंने मंगलवार को बुची बाबू इनविटेशनल टूर्नामेंट में छत्तीसगढ़ के खिलाफ शतक लगाकर सीजन की शानदार शुरुआत की. हालांकि उन्होंने खुद में बदलाव किए हैं, लेकिन इसके लिए वे किसी की सहानुभूति नहीं चाहते.
गुरुनानक स्टेडियम में खेले गए मैच में छत्तीसगढ़ ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 252 रन बनाए. इसके जवाब में महाराष्ट्र की पहली पारी 217 पर सिमट गई, जिसमें शॉ सबसे बड़े स्कोरर रहे. पृथ्वी ने 111 रन की पारी खेली, जिसमें ज्यादातर रन चौके-छक्के से आए. भारतीय टीम से बाहर किए जाने के बाद से शॉ ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह खो दी. आईपीएल में भी किसी टीम ने उन्हें नहीं खरीदा और वे दलीप ट्रॉफी के लिए वेस्ट जोन टीम में भी शामिल नहीं हो पाए. चयनकर्ताओं की टारगेट लिस्ट से बाहर हो चुके शॉ अब बिल्कुल नए सिरे से शुरुआत करने की स्थिति में हैं.
शून्य से शुरू करने में दिक्कत नहीं
दिन का खेल खत्म होने के बाद शॉ ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए इंटरव्यू में कहा, “मुझे दोबारा शून्य से शुरुआत करने में कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि मैंने अपने जीवन में बहुत उतार-चढ़ाव देखे हैं. कभी ऊपर रहा हूं, कभी नीचे, और फिर वापसी भी की है. इसलिए मुझे लगता है कि सबकुछ संभव है. मैं आत्मविश्वासी हूं, अपनी मेहनत पर भरोसा करता हूं. मुझे उम्मीद है कि यह सीज़न मेरे और मेरी टीम दोनों के लिए अच्छा जाएगा.” उन्होंने आगे कहा “मैं कुछ बदलना नहीं चाहता. मैं बस उन्हीं बुनियादी चीजों पर लौटा हूं, जो मैं अंडर-19 दिनों में करता था और जिन्होंने मुझे भारतीय टीम तक पहुंचाया. वही सब दोबारा कर रहा हूं ज़्यादा प्रैक्टिस, जिम, रनिंग. ये सब छोटी-छोटी चीजें हैं, बड़ी नहीं, क्योंकि मैं इन्हें 12–13 साल की उम्र से करता आ रहा हूं.”
सोशल मीडिया से बनाई दूरी
पिछले तीन महीनों से अपने ट्रेनर के साथ फिटनेस पर काम करने के अलावा शॉ ने यह भी फैसला लिया है कि अब वे सोशल मीडिया से दूरी बनाएंगे, क्योंकि यह उन्हें पहले भटकाता रहा है. उन्होंने कहा, “मैं बस खुद पर ध्यान दे रहा हूं और सोशल मीडिया जैसी चीजों से दूर रह रहा हूं. आजकल सोशल मीडिया काफी नकारात्मक हो गया है. इसका इस्तेमाल न करना मेरे लिए शांति भरा अनुभव है. मेरे लिए यह हमेशा सीखने का समय है. और जैसा मैंने कहा, मैं खुद पर और अपनी पहचान पर आत्मविश्वास रखता हूं.”
किसी की सहानुभूति नहीं चाहिए
शॉ के मैदान से बाहर के विवादों को लेकर कई पूर्व क्रिकेटरों ने नाराजगी जताई थी. जब उनसे पूछा गया कि क्या किसी पूर्व या मौजूदा खिलाड़ी ने मुश्किल समय में उनसे संपर्क किया, तो शॉ का छोटा सा जवाब था, “नहीं.” उन्होंने आगे कहा, “यह ठीक है. मुझे किसी की सहानुभूति नहीं चाहिए. मेरे पास परिवार का साथ है और मेरे दोस्त हैं, जिन्होंने मानसिक रूप से कठिन समय में मेरा साथ दिया. बाकी लोग अपने काम और परिवार में व्यस्त होते हैं, इसलिए इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ा. मैं उस जोन में था जहां मैं सबकुछ खुद कर रहा था और यह मेरे लिए अच्छा साबित हुआ.”
मुंबई को छोड़कर महाराष्ट्र की टीम से जुड़ने के बाद पृथ्वी शॉ ने यह भी माना कि भविष्य के बारे में बहुत ज्यादा सोचना उनके लिए नुकसानदेह साबित हुआ है. इसलिए अब वे इसे बदलना चाहते हैं.
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