Women World Cup 2025 Final: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रविवार को इतिहास रच दिया. हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) की अगुवाई में भारत ने साउथ अफ्रीका को फाइनल में 52 रन से हराकर पहली बार महिला वर्ल्ड कप का खिताब जीत लिया. जहां पूरी भारतीय टीम और देश खुशी से झूम उठा, वहीं दूसरी ओर साउथ अफ्रीका की खिलाड़ी इस हार से बेहद मायूस नजर आईं. मैदान पर कई अफ्रीकी खिलाड़ी रो पड़ीं, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने उन्हें गले लगाकर दिलासा दिया. यह नजारा खेल भावना का सबसे सुंदर उदाहरण बन गया. (Indian Players Console South Africa Team After Women World Cup 2025 Final).
सपनों के टूटने पर रो पड़ीं अफ्रीकी खिलाड़ी
डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए इस रोमांचक फाइनल का अंत साउथ अफ्रीका के लिए दिल तोड़ देने वाला रहा. पूरी टीम ने टूर्नामेंट के दौरान शानदार प्रदर्शन किया था और फाइनल तक पहुंचना अपने आप में बड़ी उपलब्धि थी. लेकिन जब आखिरी विकेट गिरा और भारत ने वर्ल्ड कप अपने नाम किया, तो कई अफ्रीकी खिलाड़ी मैदान पर ही फफककर रो पड़ीं. उनके चेहरों पर मेहनत, उम्मीद और निराशा तीनों झलक रही थीं. यह वही टीम थी जिसने सेमीफाइनल में दमदार जीत दर्ज कर सबको चौंका दिया था, लेकिन फाइनल में किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया.
भारतीय खिलाड़ियों ने दिखाया बड़ा दिल
मैच खत्म होने के बाद भारतीय खिलाड़ी अपनी खुशी में खो नहीं गईं. उन्होंने तुरंत साउथ अफ्रीकी खिलाड़ियों की ओर कदम बढ़ाए. कप्तान हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना, और शेफाली वर्मा जैसी खिलाड़ियों ने अफ्रीकी खिलाड़ियों को गले लगाकर सांत्वना दी. मैदान पर यह दृश्य खेल भावना और आपसी सम्मान का अद्भुत उदाहरण बन गया. जीत की खुशी के बीच भारतीय टीम ने यह दिखाया कि असली खेल सिर्फ ट्रॉफी जीतना नहीं, बल्कि अपने विरोधियों के जज्बे को भी सम्मान देना है.
साउथ अफ्रीका का सफर रहा यादगार
हालांकि फाइनल में हार ने अफ्रीका की उम्मीदों पर पानी फेर दिया, लेकिन उनका पूरा सफर गर्व करने लायक रहा. ग्रुप स्टेज से लेकर फाइनल तक उन्होंने कई बड़ी टीमों को हराया. कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट की कप्तानी और गेंदबाज मसाबाता क्लास की कड़ी मेहनत ने टीम को इस मुकाम तक पहुंचाया. खिलाड़ियों ने मैदान पर दिल जीतने वाला प्रदर्शन किया, लेकिन आखिरी दिन किस्मत भारत के साथ थी. हार के बावजूद साउथ अफ्रीका की टीम ने दिखा दिया कि वह आने वाले वर्षों में महिला क्रिकेट की बड़ी ताकत बन सकती है.
भारतीय टीम ने पूरे देश को गर्व महसूस कराया
हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारतीय महिला टीम ने अपने सपने को साकार किया. 2005 और 2017 में फाइनल में पहुंचकर भी खिताब जीतने से चूक गई थी, लेकिन इस बार टीम ने मौका हाथ से नहीं जाने दिया. स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा की शानदार पारियों ने भारत को मजबूत स्कोर तक पहुंचाया, और गेंदबाजों ने जिम्मेदारी निभाते हुए साउथ अफ्रीका को 52 रन से हरा दिया. भारत का यह पहला महिला वर्ल्ड कप खिताब था, जिसने करोड़ों भारतीयों का दिल जीत लिया.
खेल भावना ने जीता दिल
फाइनल का नतीजा भले ही भारत के पक्ष में रहा, लेकिन मैच का सबसे यादगार पल वह था जब भारतीय खिलाड़ी अफ्रीकी खिलाड़ियों को दिलासा देने पहुंचीं. जीत-हार के बीच भी दोनों टीमों के बीच सम्मान और अपनापन झलकता रहा. दर्शकों ने भी स्टेडियम में खड़े होकर दोनों टीमों के जज्बे को सलाम किया. यह साबित हुआ कि क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि भावनाओं का संगम है जहां जीत के साथ हार भी सम्मान की हकदार होती है.
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