Virat Kohli on Test Cricket: भारत के इंग्लैंड दौरे से पहले टीम इंडिया को रोहित शर्मा के संन्यास के रूप में झटका लगा. इससे कुछ मामला दबता कि विराट कोहली के रिटायरमेंट की भी खबरों ने भारतीय क्रिकेट फैंस की टेंशन बढ़ा दी. भारत 20 जून से 5 टेस्ट मैचों के लिए इंग्लैंड (IND vs ENG) का दौरा करेगा, इसके साथ ही वह अपने 2025-27 के विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र की शुरुआत करेगा. हालांकि विराट कोहली को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के फैसले पर पुनर्विचार करने की सलाह कई खिलाड़ियों ने दी है. इसमें वेस्टइंडीज के दिग्गज ब्रायन लारा भी शामिल हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कोहली ने टेस्ट क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप से खुद को दूर करने की इच्छा जताई है. यह एक ऐसा घटनाक्रम जिसने भारतीय क्रिकेट जगत को झकझोर कर रख दिया है. लेकिन टेस्ट क्रिकेट कोहली के लिए क्या मायने रखता है? इस पर उन्होंने बात रखी है.
स्काई स्पोर्ट्स के पुराने वीडियो में कोहली ने बात करते हुए कहा, “आपको अपने आप से ईमानदार होना पड़ता है. मेरा मतलब है, टेस्ट क्रिकेट कठिन है. यहां तक कि जब आप दुनिया की शीर्ष टीमों में से एक होते हैं, या पिछले कुछ वर्षों में शायद सर्वश्रेष्ठ टेस्ट टीम होते हैं, तब भी आप ऐसे दौर से गुजर सकते हैं जहां आपको यह महसूस हो सकता है कि क्या मैं फिर से पांच दिन यह करना चाहता हूं? इसलिए आपको खुद से पूरी तरह ईमानदार रहना चाहिए. क्या आप इस कठिन संघर्ष के लिए तैयार हैं? क्या आप तीसरे दिन उठने के लिए तैयार हैं जब सब कुछ आपके खिलाफ हो?”
विराट ने टेस्ट क्रिकेट के बारे में बात करते हुए आगे कहा, “जब आप जानते हों कि आप मुश्किल में हैं, तो क्या आप बतौर बल्लेबाज मैदान पर उतरकर वो शतक या 150 रन बनाने के लिए तैयार हैं? आपको पता होता है कि यह कठिन होने वाला है. आपको यह दो दिनों तक पांच-छह घंटे तक करना पड़ सकता है. क्या आप मानसिक रूप से इतने मजबूत हैं कि यह कर सकें? अगर मुझसे कहा जाए कि मुझे कल इस खेल को छोड़ना है, तो मैं बिना किसी पछतावे के छोड़ सकता हूं. क्योंकि मैंने जो कुछ भी किया है, जब से मैंने भारतीय टीम में कदम रखा है, वह हमेशा टीम के लिए किया है, यह सोचकर किया है कि मैं इस माहौल को कैसे बेहतर बना सकता हूं, जिसका मैं हिस्सा हूं.”
What Test cricket means to Virat Kohli ❤️ pic.twitter.com/Db1NYletyK
— Sky Sports Cricket (@SkyCricket) May 10, 2025
विराट कोहली ने 123 टेस्ट मैचों में 46.85 की औसत से 9,230 रन बनाए हैं. इस फॉर्मेट को लेकर अपने भावनात्मक जुड़ाव को साझा करते हुए कोहली ने आगे कहा, “मैं इन युवाओं से इसलिए जुड़ता हूं क्योंकि मैं नहीं चाहता कि वे वही महीने और साल बर्बाद करें जो मैंने अपनी युवावस्था में यह समझने में गंवा दिए कि सफलता का फॉर्मूला क्या है और इस स्तर पर प्रतिस्पर्धा का मतलब क्या है.”
कोहली ने यह भी कहा, “मैं चाहता हूं कि ये युवा खिलाड़ी जल्दी सीखें ताकि भारतीय क्रिकेट में बदलाव की प्रक्रिया सहज हो सके. यह नहीं होना चाहिए कि सीनियर खिलाड़ियों के जाने के बाद युवाओं को टीम बनाने में दो-तीन साल लगें. मैं चाहता हूं कि वे पहले ही तैयार हो जाएं जब हम बाहर निकलने की कगार पर हों, ताकि भारतीय क्रिकेट शीर्ष पर बना रहे.”
2011 में टेस्ट डेब्यू करने के बाद से कोहली ने भारत की टेस्ट क्रिकेट में वापसी में अहम भूमिका निभाई है. आक्रामक नेतृत्व, निरंतर बल्लेबाजी और तीव्र प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए पहचाने जाने वाले कोहली ने भारत को घरेलू और विदेशी दोनों ही मैदानों पर एक शक्तिशाली टेस्ट टीम में बदल दिया. 9,000 से अधिक रन और 30 शतकों के साथ, टेस्ट क्रिकेट में कोहली का योगदान ऐतिहासिक और अविस्मरणीय रहा है. हालांकि इंग्लैंड दौरे से पहले रोहित शर्मा के संन्यास के बाद विराट कोहली के संन्यास की खबरों ने बीसीसीआई के माथे पर जरूर बल ला दिया है. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक उनको मनाने के लिए किसी बड़े प्रभावशाली खिलाड़ी को लगाया गया है.
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