भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की सितंबर के अंत में होने वाली वार्षिक आम बैठक (AGM) इस बार खास होने जा रही है. वजह है बोर्ड के दो सबसे अहम पदों, बीसीसीआई अध्यक्ष और आईपीएल चेयरमैन, पर फैसले होना. मौजूदा अध्यक्ष रोजर बिन्नी दोबारा चुने जाने की स्थिति में नहीं हैं, जबकि आईपीएल अध्यक्ष अरुण धूमल के कार्यकाल की समयसीमा पूरी हो चुकी है और वे अब अनिवार्य कूलिंग ऑफ पीरियड पर जा सकते हैं. ऐसे में क्रिकेट राजनीति और प्रशासनिक समीकरणों में हलचल तेज हो गई है.
IPL अध्यक्ष पद पर नई जंग
अरुण धूमल ने अपने छह साल के कार्यकाल में आईपीएल को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, लेकिन अब उन्हें तीन साल का अनिवार्य ब्रेक लेना पड़ सकता है. इस पद के लिए नए दावेदारों के नाम सामने आ चुके हैं. मुंबई क्रिकेट संघ के पूर्व सचिव संजय नाइक और मौजूदा BCCI उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं. हालांकि अभी तक किसी नाम पर अंतिम मुहर नहीं लगी है. उधर, देवजीत सैकिया, रोहन गौंस देसाई और प्रभतेज भाटिया जैसे अन्य पदाधिकारी अपने पदों पर बने रहेंगे क्योंकि उनका कार्यकाल अभी पूरा नहीं हुआ है.
राजीव शुक्ला का पेच
राजीव शुक्ला का मामला सबसे दिलचस्प है. उनका उपाध्यक्ष के रूप में कार्यकाल 2020 में शुरू हुआ था और वर्तमान संविधान के अनुसार उनके पास अभी एक साल और बचा है. मगर, इसमें पेच यह है कि अगर राष्ट्रीय खेल प्रशासन अधिनियम 2026 से पहले लागू हो जाता है, तो शुक्ला को अनिवार्य कूलिंग ऑफ नहीं लेना पड़ेगा. शुक्ला अगर IPL अध्यक्ष बनते हैं तो बीसीसीआई उपाध्यक्ष पद के लिए बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष और भाजपा नेता राकेश तिवारी मजबूत दावेदार हो सकते हैं. यह समीकरण एजीएम में बड़ा बदलाव ला सकता है.
BCCI अध्यक्ष पद पर सबसे ज्यादा नजरें
सबसे बड़ा सवाल बीसीसीआई अध्यक्ष पद को लेकर है. मौजूदा अध्यक्ष रोजर बिन्नी जुलाई में 70 साल के हो चुके हैं और संविधान के अनुसार वे दोबारा नहीं चुने जा सकते. हितधारकों के बीच यह राय बनी हुई है कि इस पद पर हमेशा किसी प्रतिष्ठित भारतीय क्रिकेटर को ही चुना जाना चाहिए. पहले सौरव गांगुली और फिर रोजर बिन्नी ने इस धारणा को मजबूत किया है. लेकिन सवाल यह है कि क्या कोई दिग्गज क्रिकेटर इस पद में दिलचस्पी लेगा? क्रिकेट और राजनीति के इस संगम में नए नामों की तलाश ने चुनाव को और रोचक बना दिया है.
AGM से तय होगा क्रिकेट प्रशासन का भविष्य
सितंबर के आखिरी हफ्ते में होने वाली एजीएम में सिर्फ कुछ पद ही दांव पर होंगे. बीसीसीआई अपने संविधान के तहत चुनाव कराएगा और राष्ट्रीय खेल प्रशासन अधिनियम का इंतजार लंबा हो सकता है. ऐसे में यह बैठक बोर्ड के भविष्य की दिशा तय करने वाली होगी. चाहे मामला आईपीएल अध्यक्ष का हो या बीसीसीआई अध्यक्ष का, दोनों ही पदों पर फैसले भारतीय क्रिकेट की प्रशासनिक संरचना को नए सिरे से आकार देंगे.
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