Abhishek Nayar Big Statement: टीम इंडिया के लिए ऑस्ट्रेलिया (IND vs AUS) दौरा हमेशा चुनौतीपूर्ण माना जाता है, लेकिन इस बार कई चोटें और बदलावों के बीच एक नाम लगातार चमक रहा है शिवम दुबे (Shivam Dube). हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) के चोटिल होने के बाद भारत को एक भरोसेमंद सीमर ऑलराउंडर की जरूरत थी, और दुबे ने अपनी परफॉर्मेंस से साबित कर दिया है कि वे इस भूमिका को निभाने के लिए तैयार हैं. पूर्व भारत बैटिंग कोच अभिषेक नायर (Abhishek Nayar) ने भी उनकी जमकर तारीफ की और कहा कि दुबे की मैच्योरिटी और निरंतरता ने टीम की बड़ी चिंता दूर कर दी है.
हार्दिक की जगह दुबे बने सहारा
हार्दिक पंड्या एशिया कप के दौरान चोटिल हो गए थे और पूरी ऑस्ट्रेलिया सीरीज से बाहर थे. उनकी अनुपस्थिति हमेशा टीम के लिए बड़ी चिंता रही है क्योंकि वे बैटिंग और गेंदबाजी दोनों में अहम भूमिका निभाते हैं. लेकिन अभिषेक नायर के अनुसार, दुबे ने इस कमी को शानदार तरीके से पूरा किया है. नायर ने कहा हर मैच में दुबे ने दिखाया है कि वे भी हार्दिक जैसे ऑलराउंडर बन सकते हैं. वे महत्वपूर्ण ओवर डालते हैं, विकेट लेते हैं और अलग-अलग स्थितियों में उपयोगी रन भी बनाते हैं. इसलिए हार्दिक की कमी महसूस ही नहीं होती. नायर के मुताबिक, दुबे ने अपने खेल में जो आत्मविश्वास और समझ दिखाई है, उसने टीम मैनेजमेंट का काम आसान कर दिया है.
दुबे ने ऑलराउंड शो ने जीता दिल
सीरीज के चौथे T20 में शिवम दुबे ने फिर साबित किया कि वे बड़े मौकों के खिलाड़ी हैं. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 167 रन बनाए, और जवाब में ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत अच्छी रही थी. लेकिन तभी दुबे ने मैच का रुख बदल दिया. उन्होंने पहले बैटिंग के दौरान नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए 22 रन 18 गेंद में बनाए. तो वहीं गेंदबाजी में 2 विकेट 20 रन देकर लिए. दुबे ने कप्तान मिचेल मार्श और धुआंधार फॉर्म में चल रहे टिम डेविड को आउट किया.
टीम सपोर्ट से बढ़ा दुबे का आत्मविश्वास
मैच के बाद दुबे ने बताया कि उनकी सफलता के पीछे टीम की स्पष्ट योजनाएं और कोचिंग स्टाफ का भरोसा है. उन्होंने कहा इस मैदान पर 167 अच्छा स्कोर था क्योंकि हमारे बॉलर लगातार सही जगह पर गेंद डालते हैं. प्लान था कि गेंद बड़ी बाउंड्री की दिशा में रखें ताकि हिट करना मुश्किल हो. दुबे ने यह भी बताया कि कोच गौतम गंभीर और गेंदबाजी कोच मॉर्नी मोर्केल ने उन्हें पूरी तरह से बैक किया और साफ निर्देश दिए. इसी भरोसे ने उन्हें दबाव में भी अच्छा प्रदर्शन करने में मदद की.
नई बैटिंग भूमिका ने किया प्रभावित
पिछले कुछ मैचों में टीम ने दुबे को ऊपर भेजा है ताकि वे पावर-हिटिंग और स्ट्राइक रोटेशन का मिश्रण कर सकें. दुबे ने कहा कि उन्होंने नेट सेशन्स में शॉर्ट बॉल्स पर काफी मेहनत की है, खासकर ऑस्ट्रेलिया की उछाल भरी पिचों को ध्यान में रखते हुए. उनका कहना था तेज गेंदबाजों के खिलाफ स्ट्राइक रोटेट करना था और स्पिनरों पर अटैक करके रन निकालने थे. प्लान साफ था और मैंने उसी पर अमल किया. उनकी इस नई भूमिका ने टीम को बैटिंग में भी एक मजबूत विकल्प दिया है.
सुंदर की शानदार बॉलिंग
उधर वॉशिंगटन सुंदर ने आठ बॉल में 3 रन देकर 3 विकेट लेकर कमाल कर दिया, और ऑस्ट्रेलिया सिर्फ 119 पर सिमट गया. इस जीत के साथ भारत ने सीरीज में 2–1 की बढ़त भी बना ली. नायर ने बताया जब भी टीम मैनेजमेंट ने दुबे को चुनौती दी है, उन्होंने शानदार जवाब दिया है. वे शायद अभी टैग्ड ऑलराउंडर नहीं कहलाते, लेकिन काम वही करते हैं जो एक ऑलराउंडर करता है.
क्या टीम इंडिया को मिल गया नया सीमर ऑलराउंडर?
भारत की सबसे बड़ी जरूरत हमेशा से एक ऐसे खिलाड़ी की रही है जो पावर-हिटिंग के साथ-साथ 2–3 अच्छे ओवर डाल सके. हार्दिक पंड्या इस भूमिका में वर्षों से टीम की ताकत रहे हैं. लेकिन उनकी चोटों के कारण लगातार बैकअप की तलाश रहती है. शिवम दुबे का उभरना भारत के लिए बहुत बड़ी राहत है. उनकी हिम्मत, निरंतरता और मैच पढ़ने की क्षमता ने उन्हें टीम का अहम हिस्सा बना दिया है. नायर का साफ कहना है कि अगर दुबे इसी फॉर्म में रहे, तो भारतीय टीम को भविष्य में एक मजबूत और भरोसेमंद ऑलराउंडर मिल सकता है.
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