नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के अनंतपुर की अदालत में चल रहे धार्मिक भावनाएं भड़काने के मामले को रद्द कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केस में धौनी ने जानबूझ कर और दुर्भावना के साथ ये काम नहीं किया. मैगजीन में धौनी की विष्णु के रूप में तसवीर छपी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर धौनी के खिलाफ कार्रवाई होती है, तो ये कानून का मखौल उड़ाना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने अंग्रेजी मैगजीन के एडिटर के खिलाफ भी केस रद्द किया.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा – जानबूझकर धौनी ने भावनाएं आहत नहीं की
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के अनंतपुर की अदालत में चल रहे धार्मिक भावनाएं भड़काने के मामले को रद्द कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केस में धौनी ने जानबूझ कर और दुर्भावना के साथ ये काम नहीं किया. मैगजीन में धौनी की विष्णु के रूप में तसवीर छपी थी. […]
पिछले साल पांच सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ लोगों की धार्मिक भावना आहत करने के मामले में बेंगलुरु की निचली अदालत में उनके खिलाफ चल रहे मामले को खारिज कर दिया था. इस मामले में दायर आपराधिक कार्रवाई करने वाली याचिका को कर्नाटक हाइकोर्ट ने खारिज करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद धौनी ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर कर कर्नाटक हाइकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी.
गौरतलब है कि अप्रैल 2013 में मैगजीन ने अपने कवर पृष्ठ पर महेंद्र सिंह धौनी का भगवान विष्णु के रूप में एक फोटो छापा था. इसके बाद धौनी के खिलाफ लोगों की धार्मिक भावना आहत करने के आरोप में आंध्र प्रदेश के अनंतपुर कोर्ट ने जनवरी, 2016 में गैरजमानती वारंट जारी किया था.
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