इस्लामाबाद : पाकिस्तान के वरिष्ठ पूर्व क्रिकेटर हनीफ मोहम्मद नहीं रहे. उनके निधन की खबर इस बार सही बतायी जा रही है. पाकिस्तानी अखबार डान ने इस खबर की पुष्टि की है. वरिष्ठ क्रिकेटर हनीफ फेफड़े के कैंसर से पीड़ित थे, जिसके कारण उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी.
उनकी मौत की खबर को लेकर आज मीडिया में विरोधाभास की स्थिति बनी रही. हालांकि शाम होने पर पाकिस्तानी अखबार के हवाले से प्रमाणिक खबर आयी की हनीफ मोहम्मद अब हमारे बीच नहीं रहे. आगा खान अस्पताल जहांउनका इलाज चल रहा था, वहां के प्रवक्ता ने उनके मौत की खबर ही पुष्टि की.
हनीफ के बेटे शोएब मुहम्मद ने अस्पताल से कई टेलीविजन चैनलों को बताया कि उनके पिता का निधन हो गया है लेकिन कुछ ही मिनटों बाद उन्होंने फिर से घोषणा की कि उनका निधन नहीं हुआ और वह जीवित हैं.
शोएब ने कहा, ‘‘उनके दिल की धड़कन छह मिनट के लिए रुक गयी थी लेकिन डाक्टर उनकी दिल की धड़कन वापस लाने में सफल रहे.” लेकिन कुछ घंटों बाद शोएब ने फिर पुष्टि की कि उनके पिता का निधन हो गया है.
शोएब ने कहा, ‘‘उन्होंने अपनी बीमारियों से कड़ी जंग लड़ी और चार साल पहले फेफडों का पता चलने के बाद पिछले कुछ वर्षों से वह काफी बीमार थे.” पूर्व टेस्ट बल्लेबाज शोएब ने कहा, ‘‘हमारा परिवार शोक में डूबा है लेकिन हम सिर्फ उनके प्रशंसकों से कह सकते हैं कि उनके लिए दुआ करें कि अल्लाह उन्हें जन्नत में जगह दे. वह पिछले कुछ हफ्तों से काफी दर्द में थे लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.”
यह 81 साल का पूर्व क्रिकेटर 30 जुलाई से वेंटिलेटर पर था और उनकी हालत नाजुक थी. हनीफ उस पाकिस्तानी टीम के सदस्य थे जिसने पहली बार 1954-55 में भारत का दौरा किया था. उन्होंने 55 टेस्ट मैच खेले थे और वेस्टइंडीज के खिलाफ 1957-58 में 337 रन की यादगार पारी खेली थी. यह टेस्ट इतिहास की सबसे लंबी पारी है और 40 साल से अधिक समय तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट की सबसे लंबी पारी भी रही.
हनीफ ने अपने टेस्ट करियर में 12 शतक की मदद से 43 . 98 की औसत से 3915 रन बनाए. उन्होंने अपने प्रथम श्रेणी करियर में 238 मैचों में 52.32 की औसत से 17059 रन बनाए.