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IPL के COO रमन का इस्तीफा,BCCI ने स्वीकारा

नयी दिल्ली : इंडियन प्रीमियर लीग के चीफ अॅापरेटिंग अॅाफिसर सुंदर रमन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.जिससे बीसीसीआई में सत्ता परिवर्तन के बाद उनके भविष्य को लेकर लगाई जा रही अटकलें भी समाप्त हो गयी. ढांचे को पाक साफ करने की कवायद के तहत बीसीसीआई ने भी रमन का इस्तीफा स्वीकार कर […]

नयी दिल्ली : इंडियन प्रीमियर लीग के चीफ अॅापरेटिंग अॅाफिसर सुंदर रमन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.जिससे बीसीसीआई में सत्ता परिवर्तन के बाद उनके भविष्य को लेकर लगाई जा रही अटकलें भी समाप्त हो गयी. ढांचे को पाक साफ करने की कवायद के तहत बीसीसीआई ने भी रमन का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. पता चला है कि बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर ने 31 अक्तूबर तक उन्हें पद छोड़ने को कहा था.

बीसीसीआई ने हालांकि अब तक रमन के इस्तीफे पर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बोला है और ना ही कोई प्रेस विज्ञप्ति जारी की है.बीसीसीआई के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (सीएओ) ने आज पीटीआई से कहा, ‘‘हां, सुंदर रमन ने इस्तीफा दे दिया है. मैं इसकी पुष्टि कर सकता हूं.’ एक शीर्ष सूत्र के अनुसार रमन कल नागपुर में बीसीसीआई अध्यक्ष से मिले और अपना इस्तीफा सौंपा.

दूसरे कार्यकाल के लिए बीसीसीआई की बागडोर संभालने के बाद मनोहर ने आईपीएल 2013 स्पाट फिक्सिंग प्रकरण में नाम आने के बावजूद रमन को बरकरार रखने के बीसीसीआई के फैसले पर नाखुशी जताई थी.रमन को 2013 आईपीएल स्पाट फिक्सिंग प्रकरण के लिए काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था. इस प्रकरण में पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन का दामाद गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रायल्स के सह मालिक राज कुंद्रा भी शामिल था. इतने सब विवादों के बावजूद रमन दो साल तक अपने पद पर बने रहे.

पिछले साल दिसंबर में उच्चतम न्यायालय ने जब मुदगल समिति की रिपोर्ट के कुछ हिस्सों को सार्वजनिक किया था तो पता चला था कि रमन कथित तौर पर आईपीएल के पिछले सत्र के दौरान एक सट्टेबाज के करीबी से आठ बार संपर्क में रहे. मुदगल समिति ने रमन की भूमिका की आगे की जांच करने की बात कही थी.

आईपीएल 2013 सट्टेबाजी प्रकरण की जांच करने वाली समिति के प्रमुख न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल ने रमन के इस्तीफे का स्वागत किया. न्यायमूर्ति मुदगल ने कहा, ‘‘इस तरह के आरोप थे कि उसे सट्टेबाजी की घटना की जानकारी दी गई लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। हमने अदालत में जो रिपोर्ट सौंपी उसमें यह जानकारी दी गई थी.’ उन्होंने कहा, ‘‘माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी कहा था कि उसकी भूमिका की आगे जांच होनी चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘‘जब उच्चतम न्यायालय ने जांच का आदेश दिया था उसे तभी इस्तीफा दे देना चाहिए था. यह निजी फैसले हैं और कोई किसी का नैतिक स्तर किसी और पर नहीं थोप सकता. लेकिन ना से देर भली होती है. ‘

गौरतलब है कि सुंदर रमन का नाम आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में उछला था और लोढ़ा कमेटी ने उनकी भूमिका पर सवाल उठाये थे. चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक एन. श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन का सुंदर रमन ने बचाव किया था और यह भी कहा था कि वे चेन्नई सुपर किंग्स के अॅाफिसियल टीम मेंबर नहीं हैं. हालांकि उनकी दलीलों को लोढ़ा समिति ने स्वीकार नहीं किया था. जिसके बाद से सुंदर रमन की भूमिका पर सवाल उठाये जा रहे थे.

गौरतलब है कि गुरुनाथ मयप्पन को आईपीएल से आजीवन अलग कर दिया गया है. साथ ही चेन्नई सुपर किंग्स पर भी दो साल के लिए प्रतिबंध लगाया गया है. आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में चेन्नई सुपर किंग्स के साथ-साथ राजस्थान रॉयल्स पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.

सुंदर रमन की प्रतिभा को देखते हुए आईपीएल के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी ने उन्हें वर्ष 2008 में चीफ अॅापरेटिंग आफिसर नियुक्त किया था. वर्ष 2010 के बाद से वे बीसीसीआई के काफी ताकतवर मेंबर बन गये थे.

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