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5TH ODI: SA के हाथों भारत की शर्मनाक हार

मुंबई : कप्तान एबी डिविलियर्स, क्विटंन डिकाक और फाफ डुप्लेसिस की शतकीय पारियों से चार विकेट पर 438 रन का रिकार्ड स्कोर खड़ा करने वाले दक्षिण अफ्रीका ने आज यहां पांचवें और अंतिम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में भारत को 214 रन से करारी शिकस्त देकर पांच मैचों श्रृंखला 3-2 से अपने नाम की. यह […]

मुंबई : कप्तान एबी डिविलियर्स, क्विटंन डिकाक और फाफ डुप्लेसिस की शतकीय पारियों से चार विकेट पर 438 रन का रिकार्ड स्कोर खड़ा करने वाले दक्षिण अफ्रीका ने आज यहां पांचवें और अंतिम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में भारत को 214 रन से करारी शिकस्त देकर पांच मैचों श्रृंखला 3-2 से अपने नाम की.

यह पहला अवसर है जबकि दक्षिण अफ्रीका ने भारतीय धरती पर श्रृंखला जीती. सलामी बल्लेबाज डिकाक ने 87 गेंदों पर 109 रन ठोके, डुप्लेसिस ने रिटायर्ड हर्ट होने से पहले 115 गेंदों पर 133 रन बनाये जबकि डिविलियर्स ने केवल 61 गेंदों पर 119 रन बनाये जिसमें 11 छक्के शामिल हैं. इससे वानखेडे स्टेडियम की बल्लेबाजी के लिये अनुकूल पिच पर पहले बल्लेबाजी के लिये उतरे दक्षिण अफ्रीका ने भारतीय गेंदबाजी की बखिया उधेडने में कोई कसर नहीं छोडी. भारतीय टीम बडे स्कोर के दबाव में आ गयी और केवल 35.5 ओवर में 224 रन पर ढेर हो गयी.

अजिंक्य रहाणे ने 58 गेंदों पर 87 रन बनाये. उनके अलावा सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (60) ने अर्धशतक जमाया. भारत ने अपने आखिरी आठ विकेट 13.2 ओवर और 68 रन के अंदर गंवाये. दक्षिण अफ्रीका की तरफ से कैगिसो रबादा ने 42 रन देकर चार, डेल स्टेन ने 38 रन देकर तीन और इमरान ताहिर ने 50 रन देकर दो विकेट लिये. भारत की यह वनडे में रनों के लिहाज से अपनी धरती पर सबसे बड़ी और ओवरआल दूसरी बड़ी हार है.

श्रीलंका ने 2000 में शारजाह में उसे 245 रन से हराया था. यह 2015 में तीसरा अवसर है जब दक्षिण अफ्रीका ने 200 रन से अधिक के अंतर से जीत दर्ज की. दक्षिण अफ्रीका ने अपनी पारी में कई रिकार्ड बनाकर अपनी जीत सुनिश्चित कर दी थी. उसने वनडे के इतिहास में 400 से अधिक का 17वां स्कोर और कुल तीसरा सर्वोच्च स्कोर बनाया. यह भारतीय सरजमीं पर सबसे बड़ा वनडे स्कोर है. इससे पहले भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 2011 में इंदौर में पांच विकेट पर 418 रन बनाये थे.

यह केवल दूसरा अवसर है जबकि वनडे में किसी एक पारी में तीन बल्लेबाजों ने शतक जमाये. पहली बार भी दक्षिण अफ्रीका ने इसी साल वेस्टइंडीज के खिलाफ जोहानिसबर्ग में यह कारनामा किया था. डिकाक ने अपनी पारी में 11 चौके और एक छक्का जड़कर नींव रखी जबकि डुप्लेसिस ने धीमी शुरुआत करने के बाद में छक्कों की छडी लगायी.

जब वह पांव में ऐंठन के कारण रिटायर होकर पवेलियन लौटे तो उनके नाम पर छह छक्के और नौ चौके दर्ज थे. डिविलियर्स तो इन दोनों से आगे निकल गये. उन्होंने 11 छक्के और तीन चौके जड़कर भारतीय गेंदबाजों को पूरी तरह पस्त कर दिया. डिकाक और डुप्लेसिस ने दूसरे विकेट के लिये 137 गेंदों पर 154 रन की साझेदारी करके पारी की मजबूत नींव रखी. डुप्लेसिस ने इसके बाद डिविलियर्स के साथ 103 गेंदों पर 164 रन जोड़े.

जब स्कोर दो विकेट पर 351 रन था तब उन्होंने क्रीज छोड़ी. भारत के सभी गेंदबाजों ने रन लुटाये. आफ स्पिनर हरभजन सिंह ने पहले सात ओवरों में केवल 36 रन दिये लेकिन आखिर में वह दस ओवर में 70 रन लुटा गये. भुवनेश्वर कुमार ने तो अपने दस ओवर में 106 रन देकर एक विकेट लिया. भारत की तरफ से एक मैच में सर्वाधिक रन देने का यह नया रिकार्ड है. इससे पहले आर विनयकुमार ने 2013 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलुरु में नौ ओवर में 102 रन दिये थे.

भारतीय क्षेत्ररक्षण भी खराब रहा और उन्होंने कुछ कैच टपकाये. डुप्लेसिस को ही दो बार जीवनदान मिला. भारतीय पारी की शुरुआत खराब रही. वनडे में दो दोहरे शतक जमाने वाले रोहित शर्मा (16) और उप कप्तान विराट कोहली (सात) जल्दी आउट हो गये जिससे टीम पर दबाव बढ़ा. भारत का स्कोर एक समय दो विकेट पर 44 रन था जिसके बाद रहाणे और धवन ने तीसरे विकेट के लिये 112 रन की साझेदारी की.

बल्लेबाजों पर लंबे शाट खेलने का दबाव था औरे ऐसे प्रयास में उन्होंने अपने विकेट गंवाये. हाशिम अमला ने धवन का खूबसूरत कैच लेकर रहाणे के साथ उनकी साझेदारी तोड़ी. धवन से पहले कोहली को भी पवेलियन भेजने वाले रबादा ने यार्कर पर सुरेश रैना (12) का लेग स्टंप उखाड़ा जबकि रहाणे ने स्टेन की गेंद मिडविकेट के उपर से छह रन के लिये भेजने के प्रयास में सीमा रेखा के पास कैच थमाया.

उन्होंने अपनी पारी में नौ चौके और तीन छक्के लगाये. भारत ने 30वें ओवर में 200 रन का आंकडा छुआ लेकिन इससे पहले उसने अक्षर पटेल (पांच) के रुप में अपना छठा विकेट गंवा दिया था जिन्हें स्टेन ने पवेलियन भेजा. कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने ताहिर की गुगली पर बोल्ड होने से पहले 27 रन बनाकर हार का अंतर कुछ कम किया. रबादा ने अमित मिश्रा को पगबाधा आउट करके भारतीय पारी का अंत किया. इससे पहले भुवनेश्वर और मोहित शर्मा ने शुरु में खराब गेंदबाजी की.

उन्होंने बहुत अधिक शार्ट पिच गेंदें की जिसका दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने फायदा उठाकर अपनी टीम को तूफानी शुरुआत दिलायी. राजकोट में पहले वनडे में 103 रन बनाने वाले डिकाक के साथ पारी का आगाज करने वाले अमला (23) ने भुवनेश्वर और मोहित पर पहले चार ओवरों में पांच चौके जड़े. उन्होंने मोहित की बाहर जाती गेंद पर विकेट के पीछे कैच थमाया. इसके बाद हालांकि डिकाक ने आक्रामक बल्लेबाज की. धौनी के पास हरभजन को गेंद सौंपने के अलावा कोई विकल्प नहीं था जिन्होंने रन गति पर थोड़ा अंकुश लगाया.

लेकिन दूसरे छोर से दो अन्य स्पिनर अक्षर पटेल और अमित मिश्रा रन लुटाते रहे. डिकाक जब 58 रन पर थे तब मोहित ने मिश्रा की गेंद पर उनका कैच छोड़ा. इसके बाद मिश्रा की गेंद पर ही रहाणे ने शार्ट मिडविकेट पर डुप्लेसिस (43) का कैच टपकाया. डिकाक ने 78 गेंदों पर शतक पूरा किया. उन्हें आखिर में रैना की गेंद पर विराट कोहली ने कैच किया. तब दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 27 ओवर में दो विकेट पर 187 रन था.

चेन्नई में शतक जड़ने वाले डिविलियर्स ने क्रीज पर कदम रखा और रन प्रवाह बरकरार रखा. दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 40 ओवर के बाद दो विकेट पर 294 रन था और उसने आखिरी दस ओवरों में 144 रन ठोके. हरभजन ने भी अपने आखिरी स्पैल में रन लुटाये. उनकी गेंद पर हालांकि मिश्रा ने डुप्लेसिस (85) का कैच छोड़ा. डुप्लेसिस ने 42वें ओवर में अपना शतक पूरा किया और इसके बाद छक्के जड़ने शुरु किये. उन्होंने पटेल के एक ओवर में तीन छक्के और एक चौका लगाया. डिविलियर्स ने भी 47वें ओवर में आउट होने से पहले छक्कों की बरसात की.

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