कराची : पीसीबी पर भारत के साथ क्रिकेट संबंधों की समीक्षा के बढ़ते घरेलू दबाव के बीच भारत में उसके प्रतिनिधिमंडल का एक सीनियर सदस्य मुंबई में बीसीसीआई मुख्यालय पर शिवसेना के प्रदर्शन के कारण बातचीत रद्द होने के बाद दुबई रवाना हो गया. पीसीबी के मीडिया और कम्युनिकेशंस निदेशक ने बताया कि पूर्व अध्यक्ष और बोर्ड की कार्यकारी समिति के प्रमुख नजम सेठी दुबई रवाना हो गये हैं.
अमजद भट्टी ने बताया कि पीसीबी अध्यक्ष शहरयार खान मुंबई से दिल्ली पहुंच गये हैं और भारत सरकार के कुछ अधिकारियों तथा प्रमुख हस्तियों से मुलाकात करेंगे. उन्होंने कहा ,‘‘ नजम सेठी दुबई रवाना हो गये हैं और शायद मुख्य परिचालन अधिकारी सुभान अहमद उनके साथ है. शहरयार खान दिल्ली में बुधवार तक रहेंगे और उसी रात स्वदेश लौटेंगे.” पीसीबी प्रतिनिधियों को बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर से मुलाकात करनी थी लेकिन बीसीसीआई मुख्यालय पर शिवसेना कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के बाद बातचीत रद्द करनी पड़ी.
भट्टी ने कहा कि पीसीबी प्रतिनिधिमंडल शशांक मनोहर के न्यौते पर मुंबई गया था. उन्होंने कहा ,‘‘ उन्हें पारस्परिक हितों से जुडे क्रिकेट मसलों पर बातचीत के लिए बुलाया गया था ताकि दोनों देशों के बीच क्रिकेट की बहाली के तरीके तलाशे जा सकें.” सोमवार की घटना और विरोधाभासी बयानों के बीच यह सवाल उठने लगा है कि क्या पीसीबी प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए औपचारिक न्यौता मिला था. वहीं शहरयार और पीसीबी पर भारत से संबंधों की समीक्षा करने का दबाव बनने लगा है.
पीसीबी के पूर्व अध्यक्ष जका अशरफ ने कहा ,‘‘ मेरा मानना है कि पीसीबी अधिकारियों ने पाकिस्तान और अपने क्रिकेट को शर्मिंदा किया है. सरकार को उन्हें तुरंत लौटने का आदेश देना चाहिए.” उन्होंने कहा कि जिस तरीके से बीसीसीआई अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई, वह उससे हैरान हैं. उन्होंने कहा ,‘‘ शहरयार खान बीसीसीआई और वहां सरकारी अधिकारियों से मिलने कई दफा भारत जा चुके हैं. इस बार भी भारत में पाकिस्तानियों के खिलाफ हुई घटनाओं के बावजूद वे गये. मैंने टीवी चैनलों पर जो देखा, उससे तो लगता है कि बीसीसीआई ने उन्हें औपचारिक बातचीत के लिए नहीं बुलाया था.” अशरफ ने दोनों बोर्ड के बीच हुए एमओयू को भी खारिज किया.
अशरफ ने कहा ,‘‘यह एमओयू बेमानी है जब तक पीसीबी इसमें यह शर्त नहीं जोड़ता कि भारत किसी भी कारण से अगर नहीं खेलता है तो वह अंतरराष्ट्रीय खेल पंचाट जा सकता है.” पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के एक और पूर्व अध्यक्ष खालिद महमूद ने कहा कि पीसीबी ने क्रिकेट मसलों पर भारत के मामले में मौजूदा नीति से पाकिस्तानी अवाम को शर्मसार किया है.
उन्होंने कहा ,‘‘ हम पूरे साल श्रृंखला खेलने के लिए भारत के पीछे लगे रहे और उन्होंने साफ कर दिया कि उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है. हमारे आत्मसम्मान की कीमत पर यह अब और जारी नहीं रह सकता.” महमूद ने यह भी कहा कि आईसीसी के पास इतना अधिकार ही नहीं है कि वह कुछ कर सके. उन्होंने कहा ,‘‘ अगर आईसीसी हमारे अंपायरों की सुरक्षा भी सुनिश्चित नहीं कर सकता और अलीम दर को भारत तथा दक्षिण अफ्रीका के बीच श्रृंखला से हटाना पड़ा तो मुझे नहीं पता कि वे भारत को टी20 विश्व कप की मेजबानी की अनुमति कैसे दे रहा है.”