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क्‍या विश्व कप 2015 में भी चलेगा धौनी मैजिक ?

मुंबई : विश्व कप 2015 के लिए टीम इंडिया का आज ऐलान कर दिया गया है. भारतीय टीम में फिर से युवराज सिंह को जगह नहीं मिला है. कुछ दिनों से मीडिया में खबर चल रही थी कि युवी को चोटिल रवींद्र रड़ेजा की जगह विश्व कप टीम में शामिल किया जा सकता है, लेकिन […]

मुंबई : विश्व कप 2015 के लिए टीम इंडिया का आज ऐलान कर दिया गया है. भारतीय टीम में फिर से युवराज सिंह को जगह नहीं मिला है. कुछ दिनों से मीडिया में खबर चल रही थी कि युवी को चोटिल रवींद्र रड़ेजा की जगह विश्व कप टीम में शामिल किया जा सकता है, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.

बहरहाल टेस्‍ट क्रिकट से अचानक संन्‍यास लेने वाले महेंद्र सिंह धौनी की अगुआई में भारतीय टीम ने एक बार फिर से विश्व कप के लिए कमर कस लिया है. धौनी ने 2011 में भारत को विश्व कप दिला कर कपिल देव के कारनामे को दोहरा दिया था.
लिहाजा चयनकर्ताओं ने फिर से धौनी के कंधे पर भारतीय टीम का भार सौंप दिया है. अब देखना है कि वह फिर से अपना कारनामा करने में कामयाब होते हैं या नहीं. धौनी के सामने बहुत सारी चुनौतियां भी हैं, जिससे जुझते हुए उन्‍हें भारत का नेतृत्‍व करना है.
* धौनी के सामने चुनौतियां
1. युवा टीम – महेंद्र सिंह धौनी को आगामी विश्व कप में पूरी तरह से युवा टीम को लीड करना है. टीम में अगर धौनी,सुरेश रैना,आर अश्विन और विराट कोहली को छोड़ दिया जाये तो पूरी टीम नयी है. इन चेहरों को दरकिनार कर दिया जाए तो कोई भी खिलाड़ी को विश्व कप में खेलने का अनुभव नहीं है. किसी भी खिलाड़ी ने अब तक विश्व कप नहीं खेला है. ऐसे में धौनी को टीम में एकता बनाते हुए अपने अनुभव को बांटना होगा.
2. ड्रेसिंग रुम का माहौल – हाल के दिनों में टीम इंडिया के लिए सब कुछ सही नहीं रहा है. टीम को लगातार हार के साथ-साथ खिलाडियों के बीच विवादों का भी सामना करना पड़ा है. कुछ सप्‍ताह पहले की बात करें तो मीडिया में विराट कोहली और शिखर धवन के बीच झगड़े की खबर जोरशोर से चल रही थी.
महेंद्र सिंह ने भी कहा था कि टीम इंडिया के ड्रेसिंग रुम में सब कुछ ठीक नहीं है. हालांकि कुछ दिनों के बाद धौनी ने खुद दोनों खिलाडियों के बीच विवाद की बात को नकारते हुए कहा था कि ड्रेसिंग रुम का माहौल शांत है और विराट-धवन के बीच कोई विवाद नहीं है.अब इस तरह के महौल में टीम को एकता के सूत्र में बांधकर विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करना सबसे बड़ी चुनौती होगी.
3. अनुभवी खिलाडियों की कमी – विश्व कप 2015 में चयनकर्ताओं ने जिस टीम को चुना है उसमें केवल तीन खिलाड़ी विश्व कप खेले हैं. इसके अलावा किसी भी खिलाड़ी में विश्व कप का अनुभव है. टीम में अनुभवी खिलाडियों को दरकिनार कर दिया गया है.
युवराज सिंह,हरभजन सिंह,जहीर खान और वीरेंद्र सहवाग जैसे अनुभवी खिलाडियों को विश्व कप टीम से बाहर कर दिया गया है. ज्ञात हो कि 2011 में विश्व कप विजयी टीम में इन्‍हीं दिग्‍गज खिलाडियों ने कमाल दिखाया था और भारत को दूसरा विश्व कप दिलानें में कप्‍तान धौनी का साथ दिया था.
मैन ऑफ द टुनार्मेंट चुने गये युवराज सिंह को टीम में जगह नहीं मिलना धौनी की सेना के लिए खतरा बन सकता है. युवराज वैसे खिलाड़ी है जो कभी भी मैच का रुख बदल सकते हैं. वैसे ही सहवाग भी ऐसे खिलाड़ी है, जब उनका बल्‍ला चल निकला तो फिर उसके सामने कोई टिकने की हिम्‍मत नहीं कर पाता है. तो ऐसे खिलाडियों की कमी धौनी के लिए संकट बन सकता है.
4. खुद का प्रदर्शन – महेंद्र सिंह को विश्व कप 2015 में खुद के प्रदर्शन को भी सुधारने की चुनौती होगी. धौनी हाल के दिनों में काफी असफल रहे हैं. उनका बल्‍ला भी रन बरसाने में कामयाब नहीं रहा है. 2011 में धौनी ने जिस अनुभव का परिचय दिया था उसे एक बार फिर से दोहराना पड़ेगा. उन्‍हें न केवल अपने दिमाग से प्रदर्शन दिखाना पड़ेगा, बल्कि बल्‍ले से भी कमाल करना पड़ेगा.
5. विदेशी धरती में भारत का प्रदर्शन – विदेशी सरजमीं पर भारतीय टीम का प्रदर्शन हमेशा से खराब रहा है. कप्‍तानी की बात करें तो विदेशी जमीन पर सौरभ गांगुली ने सबसे अधिक भारत को जीत दिलाया है उसके बाद महेंद्र सिंह धौनी का स्‍थान आता है. इस बार का विश्व कप ऑस्‍ट्रेलिया और न्‍यूजीलैंड की धरती पर खेला जाना है. इन जगहों पर भारत की हालत बहुत खराब रही है. मौसम के अनुकुल होने में भी टीम इंडिया को काफी समय लग जाता है. वैसे में यहां खेलना और जीत दर्ज करना चुनौती से कम नहीं है.

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