मुंबई : दुनिया के महान क्रिकेटर और भारत रत्न सचिन तेंदुलकर का प्रयास आज उस समय रंग लाया जब महिला बॉक्सर सरिता देवी पर मर्सी दिखाते हुए मात्र एक साल का प्रतिबंध लगाया गया. इस फैसले से सरिता का कैरियर अब समाप्त होने से बच गया.
इस फैसले से न केवल सरिता को राहत मिली है, बल्कि सचिन को यह जानकर खुशी मिली है कि उनका प्रयास सफल रहा और सरिता के साथ कम-से-कम सख्ती दिखायी गयी. ज्ञात हो कि संन्यास ले चुके महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने विश्व मुक्केबाजी संस्था एआईबीए को पत्र लिखकर सरिता पर मर्सी दिखाने की मांग की थी. सचिन ने कहा उनका पत्र लिखने का एकमात्र कारण इंचियोन एशियाई खेलों के विवाद के बाद महिला मुक्केबाज एल सरिता देवी के करियर को जल्द खत्म होने से बचाना था.
मणिपुर की इस मुक्केबाज पर आज एआईबीए के एक साल के प्रतिबंध पर प्रतिक्रिया देने के लिए कहने पर तेंदुलकर ने कहा, हमारा प्रयास सिर्फ इतना था कि सरिता के करियर को नुकसान नहीं पहुंचे. उसने एक छोटी गलती की थी. सेमीफाइनल में दक्षिण कोरिया की प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ विवादास्पद हार के बाद सरिता ने एशियाई खेलों के पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान कांस्य पदक स्वीकार करने से इनकार कर दिया था जिसके लिए एआईबीए ने उन पर प्रतिबंध लगाया है. इससे पहले इस तरह के संकेत दिए जा रहे थे कि उन पर आजीवन प्रतिबंध लग सकता है.
सरिता को एक अक्तूबर 2014 से एक अक्तूबर 2015 तक प्रतिबंधित किया गया है. इसके अलावा उन पर 1000 स्विस फ्रैंक्स का जुर्माना भी लगाया गया है. तेंदुलकर ने अपने शानदार क्रिकेट जीवन और करियर पर 10 कलाकारों की प्रदर्शनी ‘डिकंस्ट्रक्टिड इनिंग्स: एक ट्रिब्यूट टू इंडियाज ग्रेटेस्ट स्पोर्ट्स आइकन’ देखने के लिए यहां पहुंचने के दौरान मीडिया को यह प्रतिक्रिया दी. पाकिस्तान के पेशवार में कल तालिबान द्वारा 100 से अधिक बच्चों की हत्या के संदर्भ में पूछने जाने पर तेंदुलकर ने कहा, मैं काफी दुखी महसूस कर रहा हूं.