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बीसीसीआई उपाध्यक्ष बंसल पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप

नयी दिल्ली : बीसीसीआई उपाध्यक्ष स्नेह बंसल पर वित्तिय अनियमितता का आरोप लगा है. आरोप लगने के बाद उनके राज्य संघ डीडीसीए के अध्यक्ष के तौर पर सभी अधिकार छीन लिये गये हैं. कार्यकारी समिति ने उन पर 1.55 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाये हैं. बंसल ने हालांकि डीडीसीए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष […]

नयी दिल्ली : बीसीसीआई उपाध्यक्ष स्नेह बंसल पर वित्तिय अनियमितता का आरोप लगा है. आरोप लगने के बाद उनके राज्य संघ डीडीसीए के अध्यक्ष के तौर पर सभी अधिकार छीन लिये गये हैं. कार्यकारी समिति ने उन पर 1.55 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाये हैं.

बंसल ने हालांकि डीडीसीए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान तथा कोषाध्यक्ष रविंदर मनचंदा द्वारा यहां संवाददाता सम्मेलन में लगाये गये आरोपों का खंडन किया है. बंसल ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और वह इस मामले में कानूनी कार्रवाई करेंगे.

प्रस्ताव के अनुसार बीसीसीआई में डीडीसीए का प्रतिनिधित्व उसके वरिष्ठ उपाध्यक्ष सी के खन्ना करेंगे जबकि राज्य संघ का कामकाज स्वयं चौहान देखेंगे क्योंकि वह वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं. संविधान डीडीसीए को बंगल को बर्खास्त करने की अनुमति नहीं देता और वह औपचारिक अध्यक्ष बने रहेंगे लेकिन उनके पास कोई अधिकार नहीं होगा.
खन्ना संयोग से पहले बीसीसीआई के उपाध्यक्ष रह चुके हैं और नये घटनाक्रम के बाद वह बीसीसीआई के चुनावों में डीडीसीए की तरफ से मतदाता होंगे हालांकि बंसल उपाध्यक्ष होने के कारण क्रिकेट बोर्ड की बैठकों में स्थायी आमंत्रित सदस्य के रुप में हिस्सा लेंगे.
चौहान ने पत्रकारों से कहा, डीडीसीए के संविधान के नियम 48 के अनुसार कार्यकारी समिति जिसमें 24 सदस्य हैं, डीडीसीए अध्यक्ष को शक्तियां देती है. हमारे पास 24 सदस्यों में से 14 के हस्ताक्षर हैं और हमने बंसल के अधिकार छीनने के लिये प्रस्ताव पारित किया है. उन पर 1.55 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे हैं और अब वह अध्यक्ष के अपने अधिकारों का उपयोग नहीं कर सकते हैं.
चौहान ने आरोप लगाये, कथित वित्तीय अनियमितताएं डीडीसीए की धनराशि (52.10 लाख रुपये, 53.50 लाख रुपये और 49.90 लाख रुपये) को कोषाध्यक्ष की जानकारी के बिना तीन कंपनियों में निवेश करने से संबंधित हैं. उन्होंने और महासचिव अनिल खन्ना ने अपने अधिकारों का उपयोग करके डीडीसीए के पैसे को बाजार में लगा दिया.
कोषाध्यक्ष मनचंदा ने कहा, सभी दस्तावेज बीसीसीआई को भेज दिये गये हैं और हमने बंसल को लेकर अपने फैसले से भी उन्हें अवगत करा दिया है. चौहान ने कहा, हमने कल बैठक के दौरान उनसे आंतरिक लेखा परीक्षण में वित्तीय अनियमितताएं पाये जाने के बारे में उनसे पूछा था.
वह बैठक में असामाजिक तत्वों को लेकर आये जिन्होंने बैठक में बाधा पहुंचाने की कोशिश की. इसके बाद हमने फिरोजशाह कोटला आकर बैठक की. बंसल ने हालांकि ऐसे आरोपों का खंडन किया. उन्होंने कहा, ये सभी आधारहीन आरोप है. जिस पैसे की वे बात कर रहे हैं उसका निवेश डीडीसीए के हित में किया गया था क्योंकि मुझे लगता था कि इससे अधिक ब्याज और पैसा आएगा लेकिन जब आपत्तियां दर्ज की गयी तो पैसा वापस आ गया था.
उन्होंने कहा, मैंने होटल विक्रम में उनकी गोपनीय बैठक करने के तरीके को विरोध किया था. मैं अब भी बीसीसीआई का उपाध्यक्ष हूं और देखना चाहता हूं कि कौन मुझे काम करने से रोकता है. पहले मुझे प्रस्ताव के दस्तावेज मिलने दीजिए. मैं इन आधारहीन आरोपों के खिलाफ अदालत जाउंगा.

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