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स्‍पॉट फिक्सिंग मामला : श्रीनिवासन और सुंदर रमन के समर्थन में उतरा बीसीसीआइ

चेन्नई : आइपीएल स्‍पॉट फिक्सिंग मामले में एक अहम मोड़ आ गया है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने आज पूर्व अध्‍यक्ष श्रीनिवासन और आइपीएल सीओओ सुंदर रमन का समर्थन करने का फैसला लिया है. कार्यकारी समिति की आपात बैठक में यह फैसला किया गया जिसमें बोर्ड ने अपने निर्वासित अध्यक्ष एन श्रीनिवासन का पुरजोर समर्थन […]

चेन्नई : आइपीएल स्‍पॉट फिक्सिंग मामले में एक अहम मोड़ आ गया है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने आज पूर्व अध्‍यक्ष श्रीनिवासन और आइपीएल सीओओ सुंदर रमन का समर्थन करने का फैसला लिया है. कार्यकारी समिति की आपात बैठक में यह फैसला किया गया जिसमें बोर्ड ने अपने निर्वासित अध्यक्ष एन श्रीनिवासन का पुरजोर समर्थन किया जिन्हें उच्चतम न्यायालय से गठित जांच समिति ने आईपीएल फिक्सिंग आरोपों से बरी कर दिया है. साथ ही आईपीएल सीओओ सुंदर रमन का भी समर्थन किया जिन पर न्यायमूर्ति मुदगल समिति की जांच रिपोर्ट में सटोरियों के संपर्क में रहने का आरोप लगाया गया है.

बोर्ड ने श्रीनिवासन का साथ देने का फैसला किया जिन्हें इन आरोपों से बरी कर दिया गया है कि उन्होंने जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी. बीसीसीआई ने कहा कि श्रीनिवासन के खिलाफ लगाये गये ओराप बोर्ड को अस्थिर करने के उद्देश्य से लगाये गये थे. श्रीनिवासन अभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के भी चेयरमैन हैं.

बयान में कहा गया है, सदस्यों ने मुदगल समिति की अंतिम रिपोर्ट के निष्कर्ष पर चर्चा की और उसे लगा कि श्रीनिवासन की तरफ से कुछ भी गलत नहीं किया गया तथा कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा उनके उपर लगाये गये आरोप आधारहीन हैं और उनका उद्देश्य बीसीसीआई के कामकाज को अस्थिर करना है. इसके अलावा कार्यकारिणी ने उच्चतम न्यायालय में सौंपी गयी रिपोर्ट में लगाये गये आरोपों के संबंध में रमण का पक्ष भी सुना. सर्वोच्च न्यायालय इस मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को करेगा.

बीसीसीआई ने कहा, सदस्यों को न्यायमूर्ति मुदगल समिति की अंतिम रिपोर्ट की प्रति सौंपी गयी और इसके निष्कर्षों पर चर्चा की गयी. इसमें कहा गया, सुंदर रमन ने मुदगल समिति की रिपोर्ट में उनसे संबंधित निष्कर्ष में अपनी भूमिका को लेकर अपना पक्ष रखा. सदस्यों ने उनका पक्ष सुना और फैसला किया कि बोर्ड सुंदर रमन को समर्थन करना चाहिए.

मुदगल रिपोर्ट में श्रीनिवासन को गंभीर आरोपों से बरी कर दिया गया लेकिन इसमें उन्हें एक क्रिकेट खिलाड़ी के बारे में खिलाडियों की आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी होने के बावजूद उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का दोषी ठहराया. इसके साथ ही उनके दामाद गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रायल्स के सहस्वामी राज कुन्द्रा को सट्टेबाजी के लिये दोषी ठहराते हुये टीम में उनकी भूमिकाओं की पुष्टि की है.

समिति ने रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की कि मयप्पन चेन्नई सुपर किंग्स के अधिकारी थे जबकि राजस्थान रायल्स के मालिक कुन्द्रा ने बीसीसीआई-आईपीएल के भ्रष्टाचार निरोधक संहिता का उल्लंघन किया. उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मुकुल मुद्गल की अध्यक्षता वाली इस समिति में अतिरिक्त सालिसीटर जनरल एन नागेश्वर राव और वरिष्ठ अधिवक्ता नीलय दत्ता सदस्य थे. समिति ने कहा है कि श्रीनिवासन का दामाद गुरुनाथ मयप्पन मैच फिक्सिंग में नहीं बल्कि सट्टेबाजी में लिप्त थे.

* बीसीसीआइ की बैठक 17 दिसंबर को

भारतीय क्रिकेट बोर्ड की लगातार स्थगित की जा रही वार्षिक आम बैठक (एजीएम) अब 17 दिसंबर को होगी. बीसीसीआई ने बयान में कहा, कार्यकारिणी ने बीसीसीआई की 85वीं वार्षिम आम बैठक को स्थगित करने का फैसला किया है जो कि पहले 20 नवंबर को होनी थी. यह बैठक अब 17 दिसंबर 2014 को चेन्नई के पार्क शेरटन में होगी.

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