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पूर्व विकेटकीपर सैयद किरमानी ने बताया, खराब फॉर्म से जूझ रहे ऋषभ पंत को क्या करना चाहिए
लखनऊः खराब फॉर्म से जूझ रहे विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को टीम में बरकरार रखने को लेकर जारी चर्चाओं के बीच भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर सैयद किरमानी का मानना है कि पंत को घरेलू क्रिकेट में लौट कर खुद को और निखारने की जरूरत है. लखनऊ के शिया कॉलेज की 100वीं वर्षगांठ पर […]
लखनऊः खराब फॉर्म से जूझ रहे विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को टीम में बरकरार रखने को लेकर जारी चर्चाओं के बीच भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर सैयद किरमानी का मानना है कि पंत को घरेलू क्रिकेट में लौट कर खुद को और निखारने की जरूरत है. लखनऊ के शिया कॉलेज की 100वीं वर्षगांठ पर आयोजित अंतर महाविद्यालयी क्रिकेट प्रतियोगिता का उद्घाटन करने आए किरमानी ने रविवार को ‘भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि पंत निश्चित रूप से बेहद प्रतिभाशाली हैं. लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने के लिए उन्हें अभी घरेलू क्रिकेट में लौटकर खुद को निखारना चाहिए.
उन्होंने कहा कि पंत को ज्यादा से ज्यादा घरेलू क्रिकेट खेलनी चाहिए ताकि उनका खेल निखर सके. किरमानी ने लोकेश राहुल का उदाहरण देते हुए कहा कि यह बल्लेबाज जब खराब दौर से गुजर रहा था तो उसने घरेलू क्रिकेट का रुख किया और रणजी ट्रॉफी तथा अन्य घरेलू टूर्नामेंटों में ढेरों रन बनाकर टीम इंडिया में वापसी कर ली. पंत को भी ऐसा ही कुछ करना पड़ेगा.
किरमानी ने अपनी मिसाल देते हुए कहा कि 1971 से 1975 तक उन्होंने घरेलू क्रिकेट में खुद को निखारा और उसके बाद ही वह राष्ट्रीय टीम में फारुख इंजीनियर का स्थान ले सके. उसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह रोडनी मार्श, एलन नॉट और वसीम बारी जैसे महान विकेटकीपरों से और ज्यादा सीख सके. उन्होंने कहा कि अंडर-19 क्रिकेट से किसी खिलाड़ी को अचानक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उतार देना अक्सर ऐसी समस्याओं को जन्म देता है क्योंकि हर खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर नहीं होता.
अंडर-19 और अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट में बहुत फर्क होता है. भारत की तरफ से 88 टेस्ट और 49 वनडे खेल चुके किरमानी ने कहा कि भारत के पास दिनेश कार्तिक, रिद्धिमान साहा और संजू सैमसन के रूप में विकेटकीपिंग के कई अच्छे विकल्प मौजूद हैं जो पंत के मुकाबले ज्यादा क्षमतावान हैं. उन्हें भी मौके दिए जाने चाहिए. अन्य राज्यों की टीमों के विकेटकीपर भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. मेरे हिसाब से प्रदर्शन को ही चयन का आधार बनाया जाना चाहिए.
किरमानी ने राहुल को पूर्णकालिक विकेटकीपर के तौर पर इस्तेमाल करने के विचार से असहमति जाहिर करते हुए कहा कि वह मौलिक विकेटकीपर नहीं हैं. विकेटकीपिंग एक विशेष कला है और उसमें पारंगत खिलाड़ी को ही विकेटकीपर के तौर पर टीम में शामिल किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि राहुल को पूर्णकालिक विकेटकीपर के तौर पर इस्तेमाल किए जाने से विशुद्ध विकेटकीपर बल्लेबाजों के राष्ट्रीय टीम में आने के रास्ते बंद हो जाएंगे. इससे बड़ा नुकसान होगा.
टीम को ऐसे विकेटकीपर की जरूरत है जो बल्लेबाजी भी कर सके. ना कि ऐसा बल्लेबाज जिस पर विकेटकीपिंग का जिम्मा डाल दिया जाए. किरमानी ने कहा कि भारत में कोचिंग के लिहाज से विकेटकीपिंग को खास महत्व नहीं दिया जाता है जबकि विकेटकीपिंग खेल का बेहद अहम विभाग होता है. इस दिशा में काम किए जाने की जरूरत है.
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