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जानें क्यों कुलदीप यादव को खेलने में ऑस्ट्रेलियाई खिलाडि़यों को होती है दिक्कत

नयी दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज मैथ्यू हेडन का मानना है कि ‘शेन वार्न की तरह के ड्रिफ्ट’ के कारण कुलदीप यादव का सामना करना युजवेंद्र चहल की तुलना में अधिक मुश्किल है. हेडन ने साथ ही कहा कि इन दोनों भारतीयों की तरह कलाई के स्पिनर अधिक प्रासंगिक बन रहे हैं क्योंकि […]

नयी दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज मैथ्यू हेडन का मानना है कि ‘शेन वार्न की तरह के ड्रिफ्ट’ के कारण कुलदीप यादव का सामना करना युजवेंद्र चहल की तुलना में अधिक मुश्किल है. हेडन ने साथ ही कहा कि इन दोनों भारतीयों की तरह कलाई के स्पिनर अधिक प्रासंगिक बन रहे हैं क्योंकि अंगुली के स्पिनरों में ‘साहस’ की कमी है. कुलदीप और चहल ने छोटे प्रारूप में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को परेशान किया है.

इस बारे में पूछने पर हेडन ने कहा, ‘‘लेग स्पिनर आपको विकल्प और विविधता देते हैं. विशेष तौर पर अगर आप कुलदीप को देखो तो उसका मजबूत पक्ष यह नहीं है कि वह गेंद को कितना अधिक स्पिन करा सकता है बल्कि यह है कि उसकी गेंद शेन वार्न की गेंदों की तरह बल्लेबाज तक पहुंचती हैं.”

अपने शीर्ष समय के दौरान हरभजन सिंह और अनिल कुंबले के खिलाफ काफी सफल रहे हेडन का हालांकि मानना है कि चहल का सामना किया जा सकता है.

उन्होंने कहा, ‘‘चहल अलग तरह का गेंदबाज है. वह स्टंप पर गेंदबाजी करता है. वह सपाट और सीधी गेंद फेंकता है. उसे ड्रिफ्ट नहीं मिलता. अगर मैं खिलाड़ी होता तो मैं चहल का सामना करने को प्राथमिकता देता क्योंकि उसे ड्रिफ्ट नहीं मिलता.” ऑस्ट्रेलिया के लिए 8000 से अधिक टेस्ट और 6000 से अधिक वनडे रन बनाने वाले हेडन ने अंगुली के स्पिनरों के सीमित ओवरों के प्रारूप में अधिक सफल नहीं होने के संदर्भ में कहा, ‘‘आफ स्पिनरों ने बल्लेबाजों को रोकने की कला सीख ली थी जिसके कारण वे निश्चित समय तक हावी रहे.”

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अब खिलाड़ी आफ स्पिनरों की सपाट गेंदों के आदी हो गये हैं. आफ स्पिनर गति में विविधता लाने की कला भूल गये हैं.” हेडन ने इसके लिए नागपुर में दूसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में नाथन लियोन का उदाहरण दिया और इस आफ स्पिनर के दोनों स्पैल की तुलना की.

उन्होंने कहा, ‘‘उसके दूसरे स्पैल के दौरान गति 80 से 82 किमी प्रति घंटा के आसपास थी जो पहले स्पैल में 90 से 92 किमी प्रति घंटा थी. इसमें स्पष्ट तौर पर 10 किमी प्रतिघंटा की कमी थी. अचानक उसे खेलना मुश्किल हो गया.” हेडन को इसमें कोई संदेह नहीं कि गेंदबाजों को अगर सफल होना है तो उन्हें सीमित ओवरों के क्रिकेट में इस तरह का साहस दिखाना होगा.

उन्होंने कहा, ‘‘उनके साथ साहस का मुद्दा होता है जब वे रन नहीं देना चाहते. टेस्ट मैचों में वह रन रोकने की जगह विकेट लेने वाले बन जाते हैं. यही अंतर है.”

हेडन को खुशी है कि आस्ट्रेलिया के बल्लेबाज केदार जाधव को अलग लाइन और लेंथ के साथ गेंदबाजी करने के लिए मजबूर करने में सफल रहे. इस कामचलाऊ स्पिनर के खिलाफ रांची में आरोन फिंच जबकि मोहाली में उस्मान ख्वाजा और पीटर हैंड्सकोंब ने बड़े शाट खेले. हेडन ने कहा,‘‘उसने (फिंच) जाधव को अलग इन पर गेंदबाजी करने के लिए बाध्य किया. जाधव जैसा गेंदबाज तभी सफल है जब वह स्टंप पर गेंदबाजी करे.”

Prabhat Khabar Digital Desk
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