नयी दिल्ली : टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली इन दिनों शानदार फॉर्म में चल रहे हैं. वनडे में सचिन तेंदुलकर के बाद विराट कोहली के नाम सबसे अधिक शतक बनाने का रिकॉर्ड है. कोहली ने अब तक वनडे में 32 शतक जमा चुके हैं. न्यूजीलैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज में कोहली ने दो शतक जमाया. दूसरे वनडे में उन्होंने 31वां शतक पूरा किया था और ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग के 30वें शतक के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा था.
बहरहाल विराट कोहली का जीवन संघर्षों से गुजरा है. कोहली के बारे में पत्रकार राजदीप सरदेसाई की किताब डेमॉक्रेसी इलेवन में कई ऐसी बातें लिखी गयी हैं जिसके बारे में अब तक बहुत सारे लोगों को पता नहीं था.
इस किताब में कोहली से जुड़ी एक बड़ी घटना का जिक्र किया गया है. किताब के अनुसार विराट कोहली अपने पिता प्रेम कोहली के बेहद करीब थे. वह एक क्रिमिनल लॉयर थे. प्रेम कोहली अपने 9 साल के बेटे को स्कूटर पर बैठाकर पहली बार वेस्ट दिल्ली क्रिकेट अकादमी लेकर गए थे और उसी समय से कोहली का क्रिकेट में आगमन हुआ था.
विराट के पिता प्रेम कोहली का निधन 54 के साल की उम्र में 2006 में ब्रेन स्ट्रोक के कारण हुआ. उस वक्त विराट की उम्र महज 18 साल थी और वह दिल्ली रणजी टीम की ओर से खेल रहे थे. दिल्ली का मैच कर्नाटक के खिलाफ था. पहले दिन कर्नाटक ने पहली पारी में 446 रन बनाए थे. दूसरे दिन पांच विकेट गिर जाने से मुश्किल में फंस गयी थी दिल्ली की टीम. विराट एंड कंपनी के सामने मैच बचाने की चुनौती थी. कोहली क्रीज पर डटे हुए थे, उनके साथ पुनीत बिष्ट बल्लेबाजी कर रहे थे. दोनों ने मिलकर दिल्ली का स्कोर 103 तक पहुंचा दिया.
कोहली 40 रन बनाकर उस दिन नाबाद लौटे, लेकिन उसी रात विराट कोहली के पिता प्रेम कोहली का निधन हो गया. बात ड्रेसिंग रूम तक पहुंची, सबको लगा कि कोहली अगले दिन मैदान पर नहीं उतरेंगे. कोच ने भी कोहली की जगह दुसरे खिलाड़ी को बल्लेबाजी में भेजने का फैसला कर लिया था. लेकिन लोग तब चौंक गये जब कोहली क्रीज पर बल्लेबाजी के लिए पहुंच गये. उस दिन कोहली ने 90 रन की पारी खेली और आउट हो गये.
आउट होने के बाद कोहली ड्रेसिंग रूम गये और पहले देखा कि वो कैसे आउट हुए और फिर उसके बाद वो अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए चले गये. जब वो जा रहे थे उस समय दिल्ली की टीम को मैच बचाने के लिए मात्र 36 रन की दरकार थी.