श्रीलंका के अनुभवी ऑलराउंडर एंजेलो मैथ्यूज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 'टाइम आउट' होने वाले पहले क्रिकेटर बन गए. यह घटना सोमवार को बांग्लादेश के खिलाफ क्रिकेट विश्व कप 2023 मैच के दौरान हुई और इसके परिणाम के रूप में बड़े पैमाने पर विवाद हुआ. कई प्रशंसकों और विशेषज्ञों की राय थी कि बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन को अपनी अपील वापस ले लेनी चाहिए थी और 'क्रिकेट की भावना' को बरकरार रखना चाहिए था. हालांकि, कुछ ऐसे भी थे जो बांग्लादेश के समर्थन में आए और बताया कि बर्खास्तगी खेल के कानून के अनुसार थी.
दिल्ली पुलिस ने किया कमाल का पोस्ट
दिल्ली पुलिस को भी इस विवाद पर अपना पक्ष रखने का मौका मिला. वे सोशल मीडिया पर एक अनोखा सड़क सुरक्षा संदेश लेकर आए. दिल्ली पुलिस ने एंजेलो मैथ्यूज की तस्वीरे पोस्ट करते हुए लिखा, 'दिल्लीवासियों! हमें उम्मीद है कि अब आप 'हेलमेट' के महत्व को समझ गए होंगे.' इस बीच, मैथ्यूज ने बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन इस हरकत को "अपमानजनक" करार दिया. वह 146 साल के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में "टाइम आउट" दिए जाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए थे.
पहली बार कोई बल्लेबाज हुआ टाइम आउट
मैथ्यूज जब सोमवार को बल्लेबाजी के लिए आये तो दो मिनट की समय सीमा के भीतर स्ट्राइक लेने में असफल रहने के कारण उन्हें आउट घोषित कर दिया गया. वह अपने हेलमेट का पट्टा टूटने के कारण बल्लेबाजी के लिए तैयार नहीं हो पाए. मैथ्यूज ने शाकिब से बात की, लेकिन शाकिब ने अपील वापस लेने से इनकार कर दिया. गुस्से में मैथ्यूज ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, 'मुझे नहीं पता कि सामान्य ज्ञान कहां चला गया क्योंकि जाहिर तौर पर शाकिब और बांग्लादेश के लिए यह अपमानजनक है कि वे क्रिकेट खेलना चाहते हैं और उस स्तर तक गिरना चाहते हैं. मुझे लगता है कि कुछ बहुत गलत है.'
मैथ्यूज ने जमकर की आलोचना
मैथ्यूज ने आगे कहा, 'अपने 15 साल के करियर में, मैंने कभी किसी टीम को उस स्तर तक नीचे जाते नहीं देखा. अंपायरों ने भी स्वीकार किया था कि यह उपकरण की खराबी थी, और वे ऊपर जाकर फिर से जांच कर सकते थे.' उन्होंने आगे कहा, 'मुझे नहीं लगता कि कोई अन्य टीम ऐसा करेगी. यह उपकरण की खराबी थी, हेलमेट का स्ट्रैप टूट गया था. यह एक बड़ा सुरक्षा मुद्दा भी था. शाकिब के पास मुझे वापस बुलाने का विकल्प था, लेकिन उसने दूसरा रास्ता अपनाने का फैसला किया.'