श्रावणी मेला (Shravani Mela 2022) में ‘बोलबम’ चार अक्षरों का एक छोटा, किंतु अद्भुत,धार्मिक एवं आध्यात्मिक मंत्र है. ‘बम’ ओउम का दूसरा रूप है, जो बीज रूप ओम अर्थात ओमकार शिव का ही प्रतीक है. इसलिए तो कष्ट साध्य यात्रा का एक मात्र संबल ‘बोलबम’ होता है.
‘बोलबम’ बोल कर श्रद्धालु सुलतानगंज से देवघर तक की यात्रा तय करते हैं. लाखों भक्त श्रावणी मेला में पहुंच रहे हैं. लेकिन कोई भी कांवरिया बिना ‘बोलबम’ बोले देवघर तक नहीं पहुंच पाता है. लाखों लोगों के समवेत ध्वनि से ‘बोलबम’ सिद्ध मंत्र बन गया है.
बोल बम बोलने वाले पर बाबा अपनी विशेष कृपा प्रकट करते हैं. कांवरिया पथ पर बोलबम का घोष अनवरत गूंजता है. बोलबम से अदृश्य शक्ति कांवरियों को मिलती है, जिससे बाबा दरबार बोलबम के सहारे पहुंच जाते हैं.
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बारिश नहीं होने से सड़क पर कांवरियों को चलने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. तेज धूप में भी कांवरिया का पैर नहीं रुक रहे हैं. बोल बम का नारा लगाते कांवरिया अनवरत बाबाधाम को जा रहे हैं. कोलकाता से ओम ग्रुप कांवरिया दल शुक्रवार को सुलतानगंज पहुंचा. इसका लगभग 140 किलो का आकर्षक कांवर देखने भीड़ जुट गयी.
ओम ग्रुप कांवरिया दल के कांवरिये पूजा अर्चना करते हुए देवघर रवाना हुए. एक बार में चार कांवरिया मिलकर कांवर उठाते हैं. दल में 12 सदस्य हैं. ये लोग 36 घंटे में डोली कांवर लेकर देवघर पहुंच जायेंगे. इन्होंने बताया कि चार साल से कांवर लेकर जा रहे हैं.
बता दें कि श्रावणी मेला 2022 का शुभारंभ हो चुका है. 14 जुलाई से कांवरियों का जत्था बाबानगरी के लिए कूच कर चुका है. रोजाना हजारों-लाखों की तादाद में शिवभक्त कांवर लेकर सुल्तानगंज से बाबानगरी देवघर जा रहे हैं. सावन माह में इस बार कड़कड़ाती धूप का सामना कांवरियों को करना पड़ रहा है लेकिन इसका असर कांवरियों के उत्साह पर नहीं दिख रहा है.
Published By: Thakur Shaktilochan