Vishnu Ji Ki Aarti: हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को पालनहार और सृष्टि के संरक्षक का स्थान दिया गया है. उनकी आराधना से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और संतोष की प्राप्ति होती है. भक्त यदि विष्णु जी की आरती श्रद्धा भाव से करें तो भगवान प्रसन्न होकर उनके कष्ट हर लेते हैं और जीवन को मंगलमय बना देते हैं.
भगवान विष्णु की आरती
ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट,
क्षण में दूर करे॥ ॐ जय…॥
जो ध्यावे फल पावे,
दुःख बिनसे मन का।
सुख-सम्पत्ति घर आवे,
कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय…॥
मात-पिता तुम मेरे,
शरण गहूं मैं किसकी।
तुम बिन और न दूजा,
आस करूं मैं जिसकी॥ ॐ जय…॥
तुम पूरण परमात्मा,
तुम अंतर्यामी।
पारब्रह्म परमेश्वर,
तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय…॥
तुम करुणा के सागर,
तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी,
कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय…॥
तुम हो एक अगोचर,
सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय,
तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय…॥
ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट,
क्षण में दूर करे॥ ॐ जय…॥
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विष्णु आरती का महत्व (Importance of Vishnu Aarti)
- विष्णु जी की आरती से घर में सुख-समृद्धि और धन-धान्य की वृद्धि होती है.
- जीवन के कष्ट और मानसिक तनाव दूर होते हैं.
- वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है और परिवार में शांति बनी रहती है.
- धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति के मार्ग प्रशस्त होते हैं.
- भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलने से भक्ति और अध्यात्म में प्रगति होती है.

