Vaishakh Purnima Daan : वैशाख पूर्णिमा हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण पुण्यदायी तिथि मानी जाती है. यह तिथि धर्म, दान, स्नान और तप का विशेष महत्व रखती है. शास्त्रों में वर्णित है कि वैशाख मास की पूर्णिमा को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का उत्तम अवसर माना गया है. इस दिन जो व्यक्ति श्रद्धा भाव से दान करता है, उसे कई यज्ञों के फल की प्राप्ति होती है और समस्त पापों का क्षय होता है:-

– अन्न एवं जल का दान
वैशाख पूर्णिमा के दिन अन्न, जल और शीतल पेय पदार्थों का दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है. शास्त्रों के अनुसार, “अन्नं ब्रह्म” – अर्थात अन्न को ब्रह्म के समान माना गया है. इस दिन भूखों को भोजन कराना, जल से भरे घड़े, छाछ, गुड़, और शरबत का दान करना पितृदोष एवं पापों से मुक्ति दिलाता है. विशेषतः तपती गर्मी में प्यासे जीवों को जल पिलाना अतुलनीय पुण्य देता है.
– वस्त्र और चप्पल का दान
धार्मिक ग्रंथों में वर्णन है कि इस दिन गरीबों को शीतल वस्त्र (जैसे सफेद या हल्के रंग के कपड़े), चप्पल, छाता आदि का दान करने से शरीर की पीड़ा, रोग एवं संकट दूर होते हैं. यह दान व्यक्ति के जीवन में संतुलन और सुख समृद्धि लाता है.
– पंखा और शीतल वस्तुओं का दान
गर्मी के मौसम में शीतलता प्रदान करने वाले वस्त्र और उपकरण जैसे हाथ से चलाने वाले पंखे, कूलर, खस की चटाई आदि का दान करना विशेष पुण्यफलदायी माना गया है. गरुड़ पुराण में वर्णित है कि इस दिन जो व्यक्ति दूसरों की तपन शांत करता है, उसकी आत्मा को भी शांति मिलती है.
– गौदान एवं तिल का दान
वैशाख पूर्णिमा के दिन गौदान (गाय का दान) सर्वोत्तम माना गया है. यदि पूर्ण गौदान संभव न हो, तो गौ से संबंधित सामग्री – जैसे चारा, गुड़, या तिल का दान अवश्य करना चाहिए. तिल शुद्धि और पवित्रता का प्रतीक है और इसका दान पापों के शमन के लिए उपयोगी होता है.
– धर्मग्रंथ और दीपदान
इस पावन तिथि पर गीता, रामायण, भागवत आदि धर्मग्रंथों का दान करना मोक्षदायक माना गया है. इसके साथ ही मंदिरों में दीपदान करने से जीवन में ज्ञान, शांति और समृद्धि आती है. शास्त्रों में कहा गया है कि “दीपस्य दानं तमसो नाशकं” – दीपदान अज्ञान और अंधकार को दूर करता है.
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वैशाख पूर्णिमा का दिन दिव्य ऊर्जा और पुण्य प्राप्ति का शुभ अवसर है. इस दिन श्रद्धा और भक्ति के साथ किया गया दान न केवल सांसारिक कष्टों से मुक्ति दिलाता है, बल्कि आत्मा को भी परम शांति की ओर ले जाता है. अतः इस पावन दिन पर दान अवश्य करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें.