Surya Grahan 2026: अब साल 2025 खत्म होने में ज्यादा समय नहीं बचा है. आज से 43 दिनों बाद नया साल 2026 आरंभ होने जा रहा है. आपको बता दें लोग अभी से नए साल 2026 को लेकर काफी उत्साहित हैं. हर बार की तरह इस बार भी सबसे ज्यादा चर्चा ग्रहणों की रहती है—कब लगेंगे, कहां दिखेंगे और भारत में सूतक लगेगा या नहीं. हमारे यहां ग्रहण का सिर्फ खगोलीय ही नहीं बल्कि धार्मिक महत्व भी माना जाता है. अगर कोई ग्रहण भारत में दिख जाए तो सूतक काल माना जाता है, इस दौरान मंदिर बंद रहते हैं और पूजा-पाठ भी नहीं किया जाता. तो आइए जानते हैं 2026 में पहला ग्रहण कौन-सा होगा, कब लगेगा और भारत में दिखाई देगा या नहीं.
2026 का पहला सूर्य ग्रहण
साल 2026 का पहला सूर्य ग्रहण 17 फरवरी 2026 को लगेगा. यह एक बड़ा खगोलीय दृश्य होगा, लेकिन भारत के लोगों के लिए यह सिर्फ खबरों में ही रहेगा, क्योंकि यह भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. यह ग्रहण जिम्बाब्वे, दक्षिण अफ्रीका, जाम्बिया, मोज़ाम्बिक, मॉरीशस, अंटार्कटिका, तंजानिया और कई दक्षिण अमेरिकी देशों में देखा जा सकेगा.
सूतक समय क्या होता है?
ग्रहण लगने से ठीक पहले एक समय अवधि शुरू होती है जिसे सूतक कहते हैं. सूर्य ग्रहण के मामले में यह सूतक 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है. इस दौरान पूजा-पाठ, शुभ काम, नए कार्य की शुरुआत आदि नहीं किए जाते. जैसे ही ग्रहण खत्म होता है, सूतक भी समाप्त हो जाता है.
सूर्य ग्रहण क्या होता है?
बहुत ही आसान शब्दों में समझें तो सूर्य ग्रहण तब लगता है, जब चाँद सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है. चांद सूर्य की रोशनी को थोड़ी देर के लिए ढक लेता है, जिससे सूर्य या तो पूरी तरह या आंशिक रूप से दिखाई नहीं देता. यह घटना हमेशा अमावस्या के दिन ही होती है, क्योंकि तभी तीनों—सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी—एक सीधी रेखा में आते हैं.
ये भी पढ़ें: सूर्यग्रहण के दौरान करें इन मंत्रों का जाप, सूर्यदेव की बनी रहेगी कृपा
धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार ग्रहण का समय मंत्र जाप, ध्यान और दान-पुण्य के लिए बेहद शुभ माना गया है. पद्म पुराण में तक कहा गया है कि ग्रहण के दौरान किया गया जप या दान सामान्य दिनों की तुलना में कई गुना अधिक फल देता है. वैज्ञानिक दृष्टि से यह एक प्राकृतिक घटना है, जहाँ सूर्य की किरणें कुछ समय के लिए पृथ्वी तक पूरी तरह नहीं पहुँच पातीं, जिसके कारण कुछ जगह थोड़ी देर का अंधेरा भी हो सकता है.
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण
2026 का दूसरा सूर्य ग्रहण 12 अगस्त 2026 को होगा. यह ग्रहण श्रावण मास की हरियाली अमावस्या के दिन लगेगा. हालांकि यह भी भारत में नहीं दिखेगा. इसे उत्तरी अमेरिका, अफ्रीका, यूरोप, आर्कटिक, ग्रीनलैंड, आइसलैंड और स्पेन में देखा जा सकेगा.
2026 में कुल चार ग्रहण
साल 2026 में दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण लगेंगे. खास बात यह है कि अगले साल एक दुर्लभ फुल ब्लड मून भी देखने को मिलेगा. पहला ग्रहण फरवरी में सूर्य ग्रहण होगा और पहला चंद्र ग्रहण मार्च में होलिका दहन के दिन लगेगा.
ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें
- सूतक में पूजा-पाठ और शुभ काम नहीं करने चाहिए.
- ग्रहण के समय खाना-पीना वर्जित माना जाता है.
- खाने की चीज़ों में तुलसी पत्ता डालकर रखना चाहिए.
- ग्रहण खत्म होते ही घर और मंदिर में गंगाजल का छिड़काव करके शुद्धिकरण किया जाता है.
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए और घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.
- सूतक में खाना बनाना, बाल कटवाना, सोना, सिलाई-कढ़ाई या चाकू चलाना भी निषेध माना गया है.

