Surya Grahan 2025: सूर्यग्रहण को एक खगोलीय घटना के रूप में देखा जाता है, लेकिन ज्योतिष में इसका गहरा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है.आमतौर पर इसे अशुभ माना जाता है, लेकिन यह पूरी तरह से नकारात्मक नहीं होता.यदि उचित नियमों का पालन किया जाए और विशेष साधनाएं की जाएं, तो यह कई शुभ फल भी दे सकता है.
कब लगेगा साल का दूसरा सूर्यग्रहण
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को होगा.यह ग्रहण न्यूजीलैंड, फिजी, अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी हिस्से में देखा जा सकेगा.वहीं, साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को होगा, जो भारत सहित पूरे एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, न्यूजीलैंड, पश्चिमी और उत्तरी अमेरिका, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के पूर्वी क्षेत्रों में दिखाई देगा.
इस तारीख को लगेगा साल का दूसरा ग्रहण, क्या भारत में दिखेगा?
यहां जानें सूर्यग्रहण ले होने वाले लाभ
आध्यात्मिक प्रगति के लिए उत्तम समय
ग्रहण के समय को साधना, जप और ध्यान के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है.इस अवधि में किए गए मंत्र जाप और ध्यान का परिणाम सामान्य समय की तुलना में कई गुना अधिक होता है.विशेष रूप से ‘गायत्री मंत्र’, ‘महामृत्युंजय मंत्र’ और ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप अत्यंत लाभकारी होता है.
नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति
सूर्यग्रहण के दौरान वातावरण में ऊर्जा का परिवर्तन होता है.यदि इस समय उचित तरीके से स्नान, दान और जाप किया जाए, तो यह नकारात्मक शक्तियों और बाधाओं से मुक्ति प्रदान कर सकता है.
ग्रह दोष निवारण
सूर्यग्रहण के दौरान विशेष उपाय जैसे सूर्य देव को अर्घ्य देना, रुद्राभिषेक करना या नवग्रह शांति पाठ करना, सूर्य से संबंधित दोषों जैसे पितृ दोष, आत्मविश्वास की कमी, या पिता के साथ संबंधों में तनाव को दूर करने में सहायक हो सकता है.
बीमारियों में लाभ
ग्रहण के समय किए गए आयुर्वेदिक उपचार या मंत्र चिकित्सा शरीर की बीमारियों को ठीक करने में सहायक होती है.विशेष रूप से सूर्य के मंत्रों का उपयोग नेत्र रोग, त्वचा रोग और हृदय संबंधी समस्याओं में लाभकारी हो सकता है.
गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानी
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय सतर्क रहना चाहिए, लेकिन उचित सुरक्षा उपायों और नियमों का पालन करने से ग्रहण के प्रभाव से बचा जा सकता है.
अतः सूर्यग्रहण केवल अशुभ नहीं, बल्कि विशेष साधना और उपायों द्वारा यह जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का अवसर भी बन सकता है.