Dhanteras Rangoli: धनतेरस भारत का एक विशेष पर्व है. इस दिन माता लक्ष्मी, भगवान कुबेर, भगवान धनवंतरि और भगवान यमराज की आराधना की जाती है. माना जाता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से घर में धन, सुख और समृद्धि आती है. इस पावन पर्व के दिन पर रंगोली बनाने का विशेष महत्व होता है. पूजा वाले दिन लोग सुबह से ही घर के आंगन, पूजा स्थल और बरामदे में रंगोली बनाने में लग जाते हैं. यह न केवल देखने में सुंदर लगती है, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत शुभ और विशेष मानी जाती है. आइए जानते हैं धनतेरस के दिन घरों में रंगोली बनाने का महत्व और कुछ सावधानियाँ.
धनतेरस के दिन रंगोली बनाना क्यों शुभ माना जाता है?
हिंदू धर्म में रंगोली को सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक माना गया है. कहते हैं कि धनतेरस के दिन रंगोली बनाने से घर में सुख, सौभाग्य और सकारात्मकता आती है. मान्यता है कि इस दिन घर में रंग-बिरंगी रंगोली देखकर माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. धनतेरस पर बनाई जाने वाली रंगोली में आमतौर पर लोग दीपक, फूल और माता लक्ष्मी के चरणों के डिजाइन शामिल करते हैं, जो अत्यंत शुभ माने जाते हैं. यह माता लक्ष्मी के स्वागत का सुंदर और मंगलमय तरीका है.
धनतेरस के दिन किस तरह की रंगोली नहीं बनानी चाहिए?
धनतेरस के दिन आप अपनी पसंद की कोई भी रंगोली बना सकते हैं, इस पर कोई मनाही नहीं है, लेकिन बुजुर्गों की सलाह के अनुसार इस समय रंगोली बनाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना है जरूरी होता है, जैसे:
- टूटी हुई रंगोली नहीं बनानी चाहिए.
- रंगोली बनाना शुरू करने के बाद उसे अधूरी नहीं छोड़नी चाहिए, यह अशुभ माना जाता है.
- रंगोली के लिए गंदे या फीके रंगों का इस्तेमाल न करें.
- अशुभ प्रतीक या डरावनी आकृतियों की रंगोली बनाने से बचें.
- यदि स्वस्तिक की डिजाइन बना रहे हैं, तो ध्यान रखें कि वह सही दिशा में बनाई गई हो.
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