Shardiya Navratri 2025 Day 2: शास्त्रों में नवरात्रि को बेहद पवित्र समय माना गया है. नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि उनकी उपासना करने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता और घर-परिवार में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है. ‘ब्रह्म’ का अर्थ है तप और ‘चारिणी’ का अर्थ है उसका पालन करने वाली. यानी मां ब्रह्मचारिणी तप और संयम का आचरण करने वाली देवी हैं. आइए जानते हैं इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की सही विधि, भोग और मंत्र.
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते समय सबसे पहले हाथ में फूल लेकर उनका ध्यान करें और मंत्र उच्चारण के साथ प्रार्थना करें. इसके बाद देवी को पंचामृत से स्नान कराएं. फिर कुमकुम, अक्षत, सिंदूर और अलग-अलग तरह के फूल अर्पित करें. मां को सफेद और सुगंधित फूल चढ़ाना शुभ माना जाता है. इसके बाद देवी को प्रसाद अर्पित करें और आचमन करवाएं. प्रसाद के बाद पान-सुपारी भेंट करें और तीन बार अपनी जगह खड़े होकर परिक्रमा करें. पूजा पूर्ण होने पर घी और कपूर से आरती करें. अंत में क्षमा प्रार्थना कर प्रसाद सभी भक्तों में बांट दें.
मां ब्रह्मचारिणी के मंत्र
- ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:
2- ब्रह्मचारयितुम शीलम यस्या सा ब्रह्मचारिणी।
सच्चीदानन्द सुशीला च विश्वरूपा नमोस्तुते।
3- या देवी सर्वभेतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
4- दधाना कर मद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
मां ब्रह्मचारिणी के प्रिय भोग और महत्व
मां ब्रह्मचारिणी को नवरात्रि के दूसरे दिन मीठा भोग अर्पित किया जाता है. परंपरा है कि इस दिन देवी को चीनी चढ़ाई जाती है. मान्यता है कि इस भोग से भक्त को लंबी आयु, सफलता और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
संयम और शक्ति की रूप हैं मां ब्रह्मचारिणी
मां ब्रह्मचारिणी की आराधना से साधक में तप, संयम और शक्ति का विकास होता है. उनकी पूजा करने से मन शांत और एकाग्र रहता है. स्टूडेंट्स ज्ञान और विद्या प्राप्त करते हैं, वहीं जीवन में सुख-समृद्धि और बाधाओं पर विजय का आशीर्वाद मिलता है.
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