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Premanand Ji Maharaj: सावधान! पार्टनर की ये आदतें रिश्ते को बना सकती हैं जहर, तुरंत तोड़ दें रिश्ता, प्रेमानंद महाराज की सलाह

Premanand Ji Maharaj: पति-पत्नी का रिश्ता उतार-चढ़ाव से भरा होता है. इस रिश्ते में कभी प्रेम होता है तो कभी तकरार. ऐसे में कई बार पति और पत्नी के मन में एक-दूसरे को छोड़ने यानी तलाक देने का ख्याल आता है. इस पर प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि हर छोटे मुद्दे पर ऐसा नहीं करना चाहिए. हालांकि वह कुछ गंभीर परिस्थितियों के बारे में बताते हैं, जिनमें ऐसा किया जा सकता है.

Premanand Ji Maharaj: पति-पत्नी का रिश्ता बहुत ही नाज़ुक होता है. यह रिश्ता प्रेम और विश्वास के आधार पर चलता है. हालांकि यह प्रेम और विश्वास हमेशा बनाए रखना कठिन होता है. जिस तरह पति और पत्नी के रिश्ते में प्रेम होता है, ठीक उसी तरह नोक-झोंक भी होती है. कभी-कभी यह नोक-झोंक बड़ा विवाद भी बन जाती है. कई बार महसूस होता है कि रिश्ते को समाप्त कर दिया जाए, रिश्ता अब और नहीं निभाया जाएगा. घर और बाहर की जिम्मेदारियों के बीच जब पार्टनर के साथ झगड़े होते हैं तो ऐसे विचार आना आम बात है. लेकिन इन विचारों से लड़कर जो अपने प्रेम को प्राथमिकता देते हैं उनका रिश्ता बना रहता है, और जो ऐसा नहीं कर पाते उनका रिश्ता टूट जाता है. इसी नाजुक मुद्दे पर प्रेमानंद महाराज ने पति-पत्नी के रिश्ते की उन परिस्थितियों के बारे में चर्चा की, जिनमें पति-पत्नी चाहें तो एक-दूसरे का त्याग कर सकते हैं.

पति-पत्नी को किन परिस्थितियों में एक-दूसरे को छोड़ देना चाहिए?

प्रेमानंद महाराज भारत के एक प्रसिद्ध संत और आध्यात्मिक गुरु हैं. देश में करोड़ों लोग उन्हें मानते और सुनते हैं. प्रेमानंद महाराज ने वृंदावन स्थित अपने आश्रम में पति-पत्नी के रिश्ते के मुद्दे पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि किन परिस्थितियों में पति और पत्नी को एक-दूसरे का त्याग करना चाहिए.

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि यदि पति या पत्नी व्यभिचारी यानी धोखा देने वाला हो, या किसी अन्य के साथ अनुचित संबंध में हो, तो सिर्फ उसी स्थिति में दोनों को एक-दूसरे का त्याग करना चाहिए. उनका कहना है कि पति-पत्नी का रिश्ता ऐसा है, जिसमें झगड़े होना स्वाभाविक है, लेकिन केवल झगड़ों के कारण कभी भी रिश्ता समाप्त नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि आपका पार्टनर आपसे प्रेम करता है, रिश्ते का सम्मान करता है और आपके प्रति समर्पित है, तो आपको इन चीज़ों को अधिक महत्व देना चाहिए और रिश्ते को संभालकर रखना चाहिए. वह कहते हैं कि यदि पत्नी आपसे प्रेम करती है और आपके अधीन रहने वाली है, तो ऐसे में अगर पत्नी रोज़ 100 गालियां भी दे, तब भी उसे त्यागने का विचार मन में नहीं लाना चाहिए.

व्यभिचारी पति या पत्नी का त्याग

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि यदि पति या पत्नी व्यभिचारी हो, तो वह चाहे कितने भी सुंदर या आकर्षक क्यों न हों, उनका त्याग कर देना चाहिए, वरना जीवन और धर्म दोनों संकट में पड़ सकते हैं. इसलिए ऐसे लोगों से संबंध समाप्त कर देना चाहिए.

यह भी पढ़ें: Premanand Ji Maharaj: क्या छोटों से पैर छुआने या प्रणाम करवाने से बड़ों का पुण्य घट जाता है? जानिए प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा

Neha Kumari
Neha Kumari
प्रभात खबर डिजिटल के जरिए मैंने पत्रकारिता की दुनिया में पहला कदम रखा है. यहां मैं एक इंटर्न के तौर पर काम करते हुए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से जुड़े विषयों पर कंटेंट राइटिंग के बारे में सीख रही हूं.

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