Pope Francis died last rituals Process: पोप फ्रांसिस अब हमारे बीच नहीं रहे. उनका निधन 21 अप्रैल, 2025 को 88 वर्ष की आयु में हुआ. उन्होंने वेटिकन के कासा सांता मार्टा में अपने निवास पर अंतिम सांस ली. वेटिकन समाचार के अनुसार, वे काफी समय से बीमार थे. हाल ही में, ईस्टर के अवसर पर, वे लंबे समय बाद लोगों के समक्ष आए थे. आज ईस्टर मंडे भी है और इसी दिन पोप फ्रांसिस का भी देहांत हुआ.
पोप फ्रांसिस पिछले एक सप्ताह से ब्रोंकाइटिस से ग्रसित थे और उन्हें शुक्रवार, 14 फरवरी को अस्पताल में भर्ती किया गया. हालांकि, उनकी स्थिति में गिरावट आई, क्योंकि डॉक्टरों को ‘जटिल नैदानिक स्थिति’ के कारण पोप के श्वसन पथ के संक्रमण के उपचार में परिवर्तन करना पड़ा. बाद में एक्स-रे के परिणामों से यह स्पष्ट हुआ कि वह डबल निमोनिया से प्रभावित हैं.
पोप के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया के संबंध में नवंबर 2024 में एक नियम तैयार किया गया था, जिसे पोप फ्रांसिस ने स्वयं अनुमोदित किया था. इस प्रकार, यह संभावना जताई जा रही है कि पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार इन्हीं निर्धारित नियमों के अनुसार किया जाएगा.
पोप का कैसे होता है अंतिम संस्कार?
- पोप के निधन के पश्चात उनके शव को लंबे समय तक खुले में रखने की परंपरा समाप्त हो गई है. नए नियमों के अनुसार, मृत्यु के तुरंत बाद उनके शरीर को ताबूत में रखना आवश्यक होगा.
- पहले तीन ताबूतों का उपयोग किया जाता था, लेकिन अब इस प्रथा को समाप्त कर दिया गया है. पोप के शव को ताबूत में रखने के बाद ही आम जनता को दर्शन की अनुमति दी जाएगी. पोप के निधन पर 9 दिनों का शोक मनाया जाएगा.
इस कब्र में दफनाने की प्रक्रिया होगी पूरी
- पोप के निधन के बाद उन्हें आमतौर पर सेंट पीटर के कब्र में दफनाया जाता रहा है, लेकिन पोप फ्रांसिस ने अपने जीवनकाल में इस परंपरा को बदलने का निर्णय लिया था. अब पोप का अंतिम संस्कार किसी भी कब्र में किया जा सकता है.
- न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, मैक्सिकन प्रसारक ने बताया है कि पोप फ्रांसिस अपने अंतिम संस्कार को रोम के सांता मारिया मैगीगोर बेसिलिका कब्र में कराना चाहते हैं. यह संभावना जताई जा रही है कि उनके अंतिम संस्कार के समय उनकी इस इच्छा का सम्मान किया जाएगा.
- दफन के समय कब्र में सिक्के रखे जाते हैं, हालांकि यह अनिवार्य नहीं है. दफन के समय एक 1000 शब्दों का दस्तावेज तैयार किया जाता है, जिसमें उनके कार्यकाल का विवरण होता है. यह प्रक्रिया इतिहास को संरक्षित करने के उद्देश्य से की जाती है.