Navaratri 2025 Bhog: नवरात्रि का पर्व पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है. इन नौ दिनों में भक्तजन मां दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. इस दौरान माता रानी को भोग अर्पित करने का भी विशेष महत्व होता है. माना जाता है कि मां को प्रसन्न करने के लिए भोग हमेशा शुद्ध, सात्विक और ताजे फलों का होना चाहिए.
माता रानी को न चढ़ाएं ये फल
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के दिनों में माता रानी को कुछ फल भूलकर भी अर्पित नहीं करने चाहिए. इनमें नींबू, इमली, नाशपाती, अंजीर और सूखा नारियल शामिल हैं. इन फलों को अशुभ माना जाता है और इन्हें देवी को चढ़ाने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता. इसके साथ ही यदि कोई फल जूठा, गला-सड़ा या बासी हो तो उसे भी भोग के रूप में नहीं चढ़ाना चाहिए. ऐसा करना माता रानी का अपमान माना जाता है.
मां दुर्गा के प्रिय फल
वहीं, नवरात्रि के नौ दिनों में कुछ विशेष फल माता रानी को बेहद प्रिय माने गए हैं. इनमें अनार, शरीफा, सिंगाड़ा और जटा वाला नारियल (जिसमें रेशे यानी जटा हो) शामिल हैं. इन फलों का भोग लगाने से मां दुर्गा अत्यंत प्रसन्न होती हैं और भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं. अनार समृद्धि और उन्नति का प्रतीक माना जाता है, शरीफा सेहत और दीर्घायु का संकेत देता है, जबकि सिंगाड़ा ऊर्जा और शक्ति प्रदान करने वाला फल है. वहीं जटा वाला नारियल देवी मां को अत्यंत प्रिय है और इसे अर्पित करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है.
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पूजा में रखें विशेष सावधानी
इस प्रकार, नवरात्रि में भोग लगाते समय विशेष ध्यान रखना चाहिए कि केवल ताजे, पवित्र और शुभ फल ही मां दुर्गा को अर्पित करें. शुद्ध भोग से पूजा सफल होती है और साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.

