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Mokshada Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत अत्यंत पवित्र और कल्याणकारी माना गया है. शास्त्रों में एकादशी व्रत को आत्मिक शुद्धि और भगवान विष्णु व देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने का विशेष साधन बताया गया है. एकादशी तिथि पूरे वर्ष में 24 पड़ती हैं और हर एकादशी अलग-अलग महत्व है. एकादशी का व्रत निष्ठा, नियम और सच्चे मन से करने पर पाप दूर होते हैं और जीवन में खुशी, सौभाग्य और समृद्धि आती है. भगवान विष्णु की कृपा से मन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और मानसिक तनाव कम होता है. इसके साथ ही सालों साल परिवार में सुख-शांति बनी रहती है.
मोक्षदा एकादशी व्रत पारण टाइम
पंचांग के अनुसार इस साल मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी व्रत आज 1 दिसंबर 2025 दिन सोमवार को रखा जाएगा. मोक्षदा एकादशी व्रत पारण का समय 02 दिसंबर 2025 दिन मंगलवार की सुबह 06 बजकर 57 मिनट से 09 बजकर 03 मिनट तक रहेगा. पुराणों के अनुसार, इस व्रत को रखने से पूर्वजों को मोक्ष मिलता है और मनुष्य के जीवन में बाधाओं का निवारण होता है.
मोक्षदा एकादशी व्रत के नियम
- सुबह स्नान कर श्रीहरि विष्णु के पूर्णावतार श्रीकृष्ण की पूजा करें.
- पूजा के बाद गीता पाठ करें.
- इस दिन भगवान सूर्यदेव की उपासना करें.
- ब्रह्मचर्य रहकर एकादशी व्रत रखें.
- व्रत में फलाहार ले सकते हैं.
- अगले दिन व्रत का पारण करें.
मोक्षदा एकादशी पर ना करें ये गलतियां
- दोपहर में सोना या देर से उठना – एकादशी के दिन आलस्य त्यागना जरूरी है, बहुत देर तक सोना या दोपहर में विश्राम करना मन की शुद्धता और व्रत की आध्यात्मिक ऊर्जा को कम करता है.
- लहसुन-प्याज और तामसिक भोजन से दूरी – व्रत के दिन सादा सात्विक भोजन अपनाना चाहिए. तामसिक चीजें जैसे लहसुन और प्याज पवित्रता को प्रभावित करती हैं, इसलिए इनसे पूरी तरह बचना चाहिए है.
- कटुवचन और नकारात्मक विचारों से बचें – व्रत में केवल शरीर ही नहीं, मन और वाणी की भी शुद्धता जरूरी है, कठोर शब्द कहना, किसी का अपमान करना या नकारात्मक सोच व्रत के प्रभाव को कम कर देती है.
- तुलसी दल ना तोड़ें – एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए और ना इस दिन तुलसी का पत्ता तोड़ना चाहिए. शास्त्रों में एकादशी के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित माना गया है.

