Mokshada Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत खास महत्व माना जाता है. साल में कुल 24 एकादशियां आती हैं—एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में. इन्हीं में से एक है मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी, जिसे बेहद पवित्र और शुभ माना गया है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. इसलिए यह दिन केवल व्रत-पूजा भर नहीं, बल्कि मुक्ति और मोक्ष का मार्ग खोलने वाला माना जाता है. कहते हैं इस दिन किया गया दान-पुण्य कई गुना फल देता है और पापों से मुक्ति दिलाता है.
मोक्षदा एकादशी व्रत कब है?
इस साल मोक्षदा एकादशी का व्रत 1 दिसंबर 2025, सोमवार के दिन रखा जाएगा. पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 1 दिसंबर को शुरू होकर 2 दिसंबर दोपहर 3:57 बजे समाप्त होगी. इसी वजह से व्रतधारियों के लिए 1 दिसंबर को ही एकादशी व्रत करना शुभ माना गया है.
मोक्षदा एकादशी 2025 पारण का समय
व्रत का पारण अगले दिन यानी 2 दिसंबर 2025 को किया जाएगा. पारण का शुभ समय सुबह 6:17 से 8:25 बजे तक है. इसी अवधि में व्रत खोलने से पूर्ण फल प्राप्त होता है.
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इस बार भद्रा का साया भी रहेगा
इस वर्ष मोक्षदा एकादशी पर भद्रा का योग भी बन रहा है. पंचांग के मुताबिक, सुबह 8:20 बजे से शाम 7:01 बजे तक भद्रा का साया रहेगा. इस दौरान भद्रा धरती लोक पर ही वास करेगी. इसके साथ ही इस दिन पंचक भी लगेगा, इसलिए दिनभर बहुत से शुभ कामों में सावधानी रखना जरूरी होगा.
मोक्षदा एकादशी का व्रत श्रद्धा और नियम से करने पर मन की शुद्धि, पापों से मुक्ति और जीवन में शांति व सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

