Mahashivratri 2025 Shubh Yog: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. इस दिन शिवजी के भक्त श्रद्धा और विश्वास के साथ व्रत करते हैं। इस वर्ष की महाशिवरात्रि विशेष रूप से महत्वपूर्ण है.
महाशिवरात्रि पर बन रहा है महासंयोग
इस बार महाशिवरात्रि पर एक महासंयोग बन रहा है, जो लगभग 149 वर्षों के बाद आ रहा है. इस महाशिवरात्रि पर सूर्य, बुध और शनि एक साथ कुंभ राशि में स्थित होंगे. इन तीन ग्रहों की युति और महाशिवरात्रि का यह संयोग 2025 से पहले 1865 में भी बना था.
इस वर्ष महाशिवरात्रि 2025 अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह महाशिवरात्रि बुधवार को आ रही है, जब ग्रहों के दुर्लभ संयोग बन रहे हैं. ज्योतिष के अनुसार, इस दिन शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में स्थित रहेगा, साथ ही राहु भी उपस्थित रहेगा, जो एक शुभ योग का निर्माण करता है.
इसके अतिरिक्त, सूर्य और शनि कुंभ राशि में होंगे. सूर्य, शनि के पिता हैं और कुंभ शनि की राशि है, इस प्रकार सूर्य अपने पुत्र शनि के निवास में रहेंगे. वहीं, शुक्र मीन राशि में अपने शिष्य राहु के साथ रहेंगे.
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कुंभ राशि में पिता-पुत्र और मीन राशि में गुरु-शिष्य के इस संयोग के साथ शिव पूजा का आयोजन किया जाएगा। ऐसा योग 149 वर्षों के बाद बन रहा है. 2025 से पूर्व, 1873 में भी ऐसा संयोग बना था, जब उसी दिन बुधवार को शिवरात्रि का पर्व मनाया गया था.
चारों प्रहर की पूजा का समय
- प्रथम प्रहर पूजा का समय: शाम 06:19 बजे से रात 09:26 बजे तक
- द्वितीय प्रहर पूजा का समय: रात 09:26 बजे से मध्यरात्रि 12:34 बजे तक
- तृतीय प्रहर पूजा का समय: मध्यरात्रि 12:34 बजे से 27 फरवरी , प्रातः03:41 बजे तक
- चतुर्थ प्रहर पूजा का समय: 27 फरवरी , प्रातः03:41 बजे से प्रातः 06:48 बजे तक