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Krishna Janmashtami 2025: कृष्ण जन्माष्टमी पर जानें कान्हा के 108 नाम, भक्तों की हर मनोकामना करेंगे पूरी

Krishna Janmashtami 2022, Lord Krishna 108 Names in Hindi: श्रीकृष्ण के 108 नामों का महत्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी गहरा है. जाप के दौरान उच्चारित होने वाली ध्वनि तरंगें मन को स्थिर करती हैं और भक्त को ईश्वर के और निकट ले जाती हैं.

Krishna Janmashtami 2022, Lord Krishna 108 Names in Hindi: जन्माष्टमी के पावन अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना विधि-विधान से की जाती है. यह त्योहार इस साल 15-16 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा मान्यता है कि इस दिन प्रभु के 108 नामों का जाप करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. आइए जानते हैं श्रीकृष्ण के ये 108 पावन नाम. हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण का नाम जपने का अत्यधिक महत्व है.

पुराणों और शास्त्रों में वर्णित उनके 108 नाम, भगवान के विभिन्न स्वरूपों, गुणों और लीलाओं का वर्णन करते हैं. जन्माष्टमी के अवसर पर या किसी भी समय इन नामों का स्मरण न केवल मानसिक शांति देता है, बल्कि भक्त के जीवन में सुख, समृद्धि और प्रेम का संचार करता है.

इस साल 15 या 16 अगस्त किस दिन मनाई जाएगी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

कृष्ण जी के 108 नाम और उनके अर्थ

  • कृष्ण – सर्व आकर्षक
  • गोविंद – गायों के रक्षक
  • गोपाल – गोपालक, ग्वालों के स्वामी
  • माधव – लक्ष्मी के पति
  • कान्हा – कृष्ण का स्नेहपूर्ण नाम
  • केशव – सुंदर केश वाले
  • श्यामसुंदर – गहरे रंग के सुंदर
  • वसुदेव – वसुदेव के पुत्र
  • देवकीनंदन – देवकी के पुत्र
  • यशोदानंदन – यशोदा के पुत्र
  • नंदलाल – नंद के पुत्र
  • माखनचोर – माखन चुराने वाले
  • राधापति – राधा के स्वामी
  • राधारमण – राधा को प्रसन्न करने वाले
  • राधावल्लभ – राधा के प्रिय
  • परमानंद – परम सुख देने वाले
  • दयालु – करुणामय
  • विश्वनाथ – जगत के स्वामी
  • जगन्नाथ – समस्त संसार के नाथ
  • धर्मपालक – धर्म की रक्षा करने वाले
  • वामन – अवतार स्वरूप वामन
  • मुरारी – मुर नामक राक्षस का वध करने वाले
  • कंसनाशक – कंस का वध करने वाले
  • पार्थसारथी – अर्जुन के सारथी
  • रणछोड़ – रणभूमि छोड़ने वाले (धार्मिक कारण से)
  • द्वारकाधीश – द्वारका के राजा
  • चक्रधर – सुदर्शन चक्र धारण करने वाले
  • श्रीधर – लक्ष्मी के स्वामी
  • वासुदेव – परमात्मा
  • विष्णु – पालनकर्ता
  • हरि – पाप हरने वाले
  • जनार्दन – जनों के पालनहार
  • अच्युत – जो कभी न गिरें
  • अनंत – असीम
  • माधुर्य – मधुर स्वभाव वाले
  • प्रेममूर्ति – प्रेम के स्वरूप
  • करुणामूर्ति – दया के स्वरूप
  • यादवेंद्र – यादवों के राजा
  • गिरिधारी – गोवर्धन पर्वत उठाने वाले
  • गोपीनाथ – गोपियों के स्वामी
  • गोपिकेशव – गोपियों के प्रिय
  • नवनीतचोर – मक्खन चुराने वाले
  • मुरलीधर – बांसुरी धारण करने वाले
  • बनवारी – वन में रहने वाले
  • वनमाली – वन की माला पहनने वाले
  • कैलाशपति – देवों के स्वामी
  • दयामय – दयालु
  • शरणागतवत्सल – शरण में आए भक्तों के प्रिय
  • सत्यव्रत – सत्य में अडिग
  • कुमार – सदा युवा
  • वृंदावनविहारी – वृंदावन में खेलने वाले
  • पुनर्वसु – बार-बार जन्म लेने वाले
  • अद्भुत – आश्चर्यजनक
  • सर्वेश्वर – सबके ईश्वर
  • जगत्पति – जगत के स्वामी
  • योगेश्वर – योग के ईश्वर
  • व्रजेश – व्रज के स्वामी
  • व्रजनाथ – व्रज के राजा
  • व्रजविहारी – व्रज में विहार करने वाले
  • गोपवृंदपालक – ग्वाल बालों के रक्षक
  • अविनाशी – नाशरहित
  • दीनबंधु – दीनों के मित्र
  • गिरिराजधारी – गोवर्धन उठाने वाले
  • गोपप्रेमप्रिय – गोपों के प्रिय
  • माधवेश – माधवों के स्वामी
  • गोपीनाथ – गोपियों के ईश्वर
  • भक्तवत्सल – भक्तों के प्रिय
  • प्राणनाथ – प्राणों के स्वामी
  • सत्यप्रिय – सत्य के प्रेमी
  • चरणप्रिय – चरणों के प्रिय
  • मधुसूदन – मदु नामक असुर का वध करने वाले
  • दुर्गमहर – कठिनाइयों को हरने वाले
  • संसाररक्षक – संसार के रक्षक
  • श्रीकृष्ण – लक्ष्मी के साथ कृष्ण
  • शरण्य – शरण देने वाले
  • सुखद – सुख देने वाले
  • सत्यव्रत – सत्य में दृढ़
  • आनंदकंद – आनंद का स्रोत
  • भवभंजक – जन्म-मरण चक्र तोड़ने वाले
  • विष्वकर्मा – सृष्टि रचयिता
  • अद्वितीय – जिसका कोई दूसरा न हो
  • कृपालु – दयालु
  • पवित्रात्मा – पवित्र आत्मा
  • श्रीवल्लभ – लक्ष्मी के प्रिय
  • दयानिधान – दया का भंडार
  • महायोगी – महान योगी
  • भक्तशरणागत – भक्तों की शरण में रहने वाले
  • कल्याणेश्वर – कल्याण करने वाले
  • शांतस्वरूप – शांति के स्वरूप
  • मंगलदायक – मंगल देने वाले
  • करुणाकर – करुणा के भंडार
  • प्रेमेश – प्रेम के ईश्वर
  • सत्यरूप – सत्य के स्वरूप
  • धर्मराज – धर्म के राजा
  • योगिराज – योगियों के राजा
  • व्रजराज – व्रज के राजा
  • व्रजमोहन – व्रज को मोहित करने वाले
  • प्रेमकुमार – प्रेम के कुमार
  • सत्यनारायण – सत्य और नारायण
  • नित्यसुंदर – सदा सुंदर
  • शरणसिंधु – शरण का महासागर
  • भवसागरत्राता – जन्म-मरण सागर से पार कराने वाले
  • दुर्जय – जिन्हें जीतना असंभव
  • श्रीव्रजेश्वर – व्रज के ईश्वर
  • रासेश्वर – रासलीला के स्वामी
  • गोपीनाथेश्वर – गोपियों के नाथ
  • प्रेमवर्धन – प्रेम बढ़ाने वाले
  • सर्वानंद – सबको आनंद देने वाले
Shaurya Punj
Shaurya Punj
रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मास कम्युनिकेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद मैंने डिजिटल मीडिया में 14 वर्षों से अधिक समय तक काम करने का अनुभव हासिल किया है. धर्म और ज्योतिष मेरे प्रमुख विषय रहे हैं, जिन पर लेखन मेरी विशेषता है. हस्तरेखा शास्त्र, राशियों के स्वभाव और गुणों से जुड़ी सामग्री तैयार करने में मेरी सक्रिय भागीदारी रही है. इसके अतिरिक्त, एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और शिक्षा जैसे विषयों पर भी मैंने गहराई से काम किया है. 📩 संपर्क : [email protected]

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