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Kali Puja Vidhi 2025: दिवाली की रात घर में ऐसे करें मां काली की पूजा, यहां देखें सरल पूजन विधि

Kali Puja 2025: अमावस्या यानी दिवाली पर मां काली की पूजा की जाती है, इस साल दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी. लेकिन क्या आप जानते हैं मां काली की पूजा कैसे की जाती है? आइए इस आर्टिकल में जानते हैं काली मां की पूजन विधि.

Kali Puja Vidhi 2025: ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति दिवाली की पवित्र रात में पूरे श्रद्धा और सच्चे मन से मां काली की आराधना करता है, उसके जीवन से सभी दुख, कष्ट और नकारात्मकता दूर हो जाती है. मां काली की कृपा से उसके जीवन में नई ऊर्जा, साहस और समृद्धि का प्रकाश फैल जाता है.

काली पूजन विधि

शुभ शुरुआत स्नान से करें — काली पूजा पर उबटन लगाकर स्नान करना अत्यंत पवित्र माना जाता है.

पहले करें गणपति का आवाहन — भगवान गणेश की पूजा से सभी विघ्न दूर होते हैं.

चौकी पर सजाएँ माता का आसन — लाल या काले कपड़े पर मां काली की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें.

मां का आह्वान और अभिषेक करें — पंचामृत से मां काली का स्नान कराकर आराधना आरंभ करें.

श्रृंगार से बढ़ाएँ भक्ति की सुंदरता — मां को हल्दी, कुमकुम, सिंदूर और फूलों से सजाएँ.

मां को चढ़ाएँ प्रिय पुष्प और तिल — गुड़हल के फूल और काले तिल अर्पित करना अत्यंत शुभ होता है.

दीप जलाकर जगाएँ आस्था का प्रकाश — सरसों के तेल का दीपक जलाकर मां के चरणों में रखें.

धूप-अगरबत्ती से करें माहौल पवित्र — सुगंध से वातावरण में शांति और सकारात्मकता भरें.

मंत्र जाप से माँ को करें प्रसन्न — ‘ॐ क्रीं काली’ या ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’ का जाप करें.

आरती में समर्पण का भाव जगाएँ — कपूर से आरती उतारकर मां के प्रति भक्ति व्यक्त करें.

इस शुभ मुहूर्त में करें काली पूजन

मां काली की पूजा के लिए सबसे शुभ समय 20 अक्टूबर की रात 11 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर 21 अक्टूबर की रात 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा. इस दौरान की गई आराधना विशेष फलदायी मानी जाती है.

काली पूजा का महत्व

काली पूजा का पर्व दिवाली की रात को मनाया जाता है. यह दिन मां काली की शक्ति, साहस और निडरता का प्रतीक माना जाता है. ऐसा विश्वास है कि जो भक्त सच्चे मन से मां काली की आराधना करता है, उसके जीवन से भय, नकारात्मकता और दुख दूर हो जाते हैं. यह पूजा बुराई पर अच्छाई की विजय, अंधकार पर प्रकाश और अज्ञान पर ज्ञान की प्रतीक मानी जाती है. मां काली अपने भक्तों को आत्मविश्वास, शक्ति और संरक्षण प्रदान करती हैं.

मां काली की पूजा क्यों की जाती है?

मां काली की पूजा शक्ति, साहस और निडरता का प्रतीक है. यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर जीवन में सकारात्मकता और आत्मविश्वास लाती है.

मां काली को कौन-से फूल प्रिय हैं?

मां काली को गुड़हल (हिबिस्कस) के फूल अत्यंत प्रिय हैं. यह शक्ति और भक्ति का प्रतीक माना जाता है.

काली पूजा में कौन-सा दीप जलाना शुभ होता है?

सरसों के तेल का दीप जलाना सबसे शुभ माना जाता है. यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है.

क्या घर में काली पूजा की जा सकती है?

हाँ, बिल्कुल, सच्चे मन और श्रद्धा से घर में मां काली की पूजा की जा सकती है. इससे घर में शांति, समृद्धि और सुरक्षा बनी रहती है.

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.

JayshreeAnand
JayshreeAnand
कहानियों को पढ़ने और लिखने की रुचि ने मुझे पत्रकारिता की ओर प्रेरित किया. सीखने और समझने की इस यात्रा में मैं लगातार नए अनुभवों को अपनाते हुए खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करती हूं. वर्तमान मे मैं धार्मिक और सामाजिक पहलुओं को नजदीक से समझने और लोगों तक पहुंचाने का प्रयास कर रही हूं.

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