Kali Puja 2025: काली पूजा भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है. इसे हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. इस पर्व को श्यामा पूजा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन माता दुर्गा के उग्र स्वरूप माता काली की आराधना की जाती है.
माना जाता है कि माता काली की विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन से डर-भय का नाश होता है. घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और शक्ति व साहस की प्राप्ति होती है. चलिए जानते हैं इस वर्ष काली पूजा कब मनाई जाएगी और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्या रहेगा.
साल 2025 में काली पूजा कब मनाई जाएगी?
पंचांग के अनुसार, इस बार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 21 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 54 मिनट पर होगा. इसलिए इस साल काली पूजा 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को मनाई जाएगी.
काली पूजा का निषीथ काल 20 अक्टूबर को रात 11:41 बजे से शुरू होकर21 अक्टूबर की मध्यरात्रि 12:31 बजे तक रहेगा.
काली पूजा का महत्व क्या है?
माना जाता है कि इस दिन माता आदिशक्ति के भयंकर स्वरूप माता काली की पूजा करने से जीवन की सभी परेशानियाँ, डर, चिंता, भय और नकारात्मकता का अंत होता है. शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है तथा शक्ति, साहस और पराक्रम का आशीर्वाद मिलता है.
काली पूजा मुख्य रूप से भारत के किन-किन राज्यों में मनाई जाती है?
काली पूजा मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम राज्यों में बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है.
काली पूजा के दिन किन मंत्रों का जाप करना चाहिए?
काली मां की पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है:
“ॐ क्रीं कालिकायै नमः.”
“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे.”
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