Kali Puja 2025: इस साल दिवाली का त्योहार 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इसके एक दिन पहले नरक चौदस या रूप चौदस का आयोजन होता है. इसे भूत चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. इस अवसर पर रात के समय देवी-देवताओं और रक्षक शक्तियों की पूजा की जाती है. माना जाता है कि इस पूजा से घर और मन में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सुरक्षा एवं शांति आती है.
काली चौदस महत्व
काली चौदस नरक चौदस के साथ ही मनाई जाती है. यह दिन बुरी और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा पाने का प्रतीक है. इस दिन देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है, जो माता दुर्गा का उग्र रूप हैं और अपने भक्तों की रक्षा करती हैं. लोग इस दिन बुरी शक्तियों से बचाव के लिए प्रार्थना करते हैं और अपने घर को नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त करने का प्रयास करते हैं.
दिवाली से एक दिन पहले क्यों होती है काली पूजा
काली पूजा अमावस्या की रात आधी रात में होती है, जबकि दिवाली की अमावस्या प्रदोष काल में होती है. इस समय के फर्क की वजह से काली पूजा अक्सर दिवाली से एक दिन पहले पड़ जाती है.
कैसे होती है मां काली की पूजा
काली चौदस पर पूजा करने की कई विधियां प्रचलित हैं. कुछ लोग आधी रात के बाद श्मशान भूमि जाकर देवी कालरात्रि और रक्षक देवताओं जैसे वीर वेताल की पूजा करते हैं. वहीं कई लोग घर या मंदिर में दीपक जलाकर, मंत्रों का जाप करके पूजा करते हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलाने का प्रयास करते हैं. कुछ लोग चौघड़िया देखकर शुभ मुहूर्त में पूजा कर सभी कर्मों को अधिक फलदायी बनाते हैं.
काली चौदस पर इन मंत्रो का करें जाप
काली चौदस के अवसर पर मां काली की आराधना के लिए कई तरह के मंत्रों का उच्चारण किया जा सकता है. सुरक्षा और आशीर्वाद पाने के लिए इस मंत्र का जाप किया जा सकता है – “ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं परमेश्वरी कालिके स्वाहा”. इसके अलावा, “ॐ ह्रीं क्रीं काली महाकाली कालिके परमेश्वरी” भी प्रभावशाली माना जाता है.
काली पूजा में कौन-कौन सी वस्तुएं चढ़ाई जाती हैं?
मां काली को फूल, मिठाई, दीपक, लाल कपड़े और खीर या फल चढ़ाए जाते हैं. कुछ लोग चोला, हल्दी या चावल भी चढ़ाते हैं.
क्या काली चौदस पर व्रत किया जाता है?
हां, कई लोग काली चौदस के दिन व्रत रखते हैं. यह व्रत बुरी शक्तियों से सुरक्षा और परिवार की खुशहाली के लिए माना जाता है.
काली पूजा में दीपक किस दिशा में जलाना चाहिए?
दीपक को घर में उत्तर या पूर्व दिशा में जलाने की सलाह दी जाती है. इससे मां काली की कृपा प्राप्त होती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.
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