Jyeshtha 2025: सनातन धर्म में प्रत्येक माह का विशेष धार्मिक होता है. इन्हीं में से एक है ज्येष्ठ माह. जो पुण्य कमाने, दान करने और ईश्वर की भक्ति से जीवन को सकारात्मक दिशा देने का खास समय माना जाता है. गर्मी के इस मौसम में जहां शरीर को राहत की जरूरत होती है, वहीं आत्मा को भी शुद्ध करने का यही सर्वोत्तम समय होता है.
इस दिन से शुरू हो रहा है ज्येष्ठ माह
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की शुरुआत इस बार 13 मई 2025, मंगलवार से हो रहा है. यह माह 11 जून 2025 तक चलेगा. इस महीने की शुरुआत वैशाख पूर्णिमा के ठीक अगले दिन होती है. धार्मिक दृष्टि से यह समय अत्यंत पुण्यकारी होता है, जिसमें व्रत, पूजा और दान से व्यक्ति अपने जीवन की बाधाओं को दूर कर सकता है.
ज्येष्ठ माह में इन चीजों का करें दान
ज्येष्ठ माह में तपती गर्मी को देखते हुए शीतल और जीवन उपयोगी वस्तुओं का दान करना सबसे उत्तम माना गया है. इस माह में आप इन चीजों का दान करें जैसे जल से भरे मटके, शर्बत या ठंडे पेय, छाता, चप्पल और कपड़े, अन्न और धन. ऐसा माना जाता है कि इन चीजों का दान करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ, मानसिक शांति और पुण्य की प्राप्ति होती है. साथ ही दरिद्रता और पापों का नाश भी होता है.
ज्येष्ठ माह का आध्यात्मिक महत्व
ज्येष्ठ माह केवल गर्मी का महीना नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और सेवा का अवसर है. इस माह में तप, दान और भक्ति से जीवन को एक नई दिशा मिलती है. मान्यता है कि इस समय किया गया सत्कर्म कई गुना फल देता है. विशेष रूप से यह महीना प्यासे को पानी पिलाने, जरूरतमंदों की मदद करने और भगवान विष्णु व हनुमान जी की आराधना के लिए सबसे उत्तम माना गया है. ज्येष्ठ माह व्यक्ति को न केवल आध्यात्मिक रूप से उन्नत करता है, बल्कि जीवन की कठिनाइयों को भी कम करता है.
बड़ा मंगल पर जरूर करें इन मंत्रो का उच्चारण
हनुमान जी और श्रीराम जी की कृपा पाने के लिए इन पवित्र मंत्रों का जाप ज्येष्ठ माह में विशेष रूप से फलदायी माना गया है.
- “ॐ आपदामप हर्तारं दातारं सर्व सम्पदाम,
लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम !” - “श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे,
रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः !”
इन मंत्रों का नित्य जाप करने से मन को शांति, घर को सुख और जीवन को नई ऊर्जा प्राप्त होती है.
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