Jitiya Vrat 2025: जितिया व्रत के त्योहार में अब बस कुछ ही दिन रह गए हैं. इस व्रत को हिंदू महिलाएं अपने बच्चों की दीर्घायु और सलामती के लिए करती हैं. यह व्रत तीन दिनों तक चलता है, जिसमें पहले दिन ‘नहाई-खाई’ होता है, दूसरे दिन निर्जला उपवास रखा जाता है और तीसरे दिन व्रत का पारण किया जाता है. इस दौरान महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं और भगवान जीमूतवाहन की पूजा-अर्चना करती हैं. पूजा के बाद महिलाएं अपने बच्चों को एक विशेष धागा पहनाती हैं, जिसे जितिया धागा कहा जाता है. देश के कुछ हिस्सों में माताएं संतान के हाथों में यह धागा बांधती हैं, तो वहीं कुछ जगहों पर यह धागा संतान के गले में पहनाया जाता है. ऐसा क्यों किया जाता है, आइए जानते हैं.
गले में जितिया धागा पहनने की वजह
बिहार और उत्तर प्रदेश में जितिया धागा गले में पहनाने की परंपरा है. मान्यता है कि इससे संतान को दीर्घायु, स्वास्थ्य और समृद्ध जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है. एक और तर्क यह भी है कि गले में बंधा धागा शरीर के सबसे नज़दीक हृदय के पास रहता है और उसकी सुरक्षा करता है. यह धागा मां और संतान के बीच अटूट बंधन का प्रतीक माना जाता है.
जितिया व्रत शुभ मुहूर्त 2025
- यह व्रत आश्विन माह की अष्टमी तिथि को 14 सितंबर 2025, सुबह 5 बजकर 4 मिनट पर शुरू होगा.
- इसका समापन 15 सितंबर, सुबह 3 बजकर 6 मिनट पर होगा.
- जितिया व्रत का पारण 15 सितंबर, सोमवार को किया जाएगा.
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