Hariyali Teej Vrat 2025 : हरियाली तीज का पर्व विशेष रूप से महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक अत्यंत पावन और शुभ दिन होता है. यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन की स्मृति में मनाया जाता है और सौभाग्य, प्रेम, सुख-शांति और दीर्घायु वैवाहिक जीवन की कामना से रखा जाता है. इस व्रत में पूजा-विधान के साथ-साथ व्रत नियमों का पालन करना भी अत्यंत आवश्यक होता है, जिसमें खान-पान से जुड़ी कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होता है. आइए जानते हैं कि हरियाली तीज व्रत में महिलाओं को कौन-कौन से खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए और इसके पीछे धार्मिक कारण क्या हैं:-
– नमक का सेवन वर्जित है
हरियाली तीज के दिन अधिकतर महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं या फलाहार करती हैं. इस दिन व्रती को नमक का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसे व्रत की पवित्रता भंग करने वाला माना गया है. धार्मिक मान्यता है कि नमक शरीर की तृष्णा को बढ़ाता है और संयम में बाधा उत्पन्न करता है, जबकि व्रत का उद्देश्य संयम और तपस्या होता है.
– लहसुन-प्याज से परहेज
हरियाली तीज व्रत के दिन प्याज, लहसुन जैसे तामसिक पदार्थों का सेवन वर्जित होता है. तामसिक भोजन मन में विकार और चंचलता उत्पन्न करता है. इस दिन सात्विकता और शुद्धता बनाए रखना आवश्यक होता है ताकि पूजा विधि में कोई दोष न लगे.
– मांसाहार और मद्यपान पूरी तरह वर्जित
व्रत के दिन मांस, मछली, अंडा या किसी भी प्रकार के मांसाहारी भोजन का सेवन पूर्णतः निषिद्ध होता है. साथ ही, नशे के किसी भी रूप (शराब, सिगरेट आदि) से दूरी बनाना अनिवार्य है. धार्मिक दृष्टि से यह दिन आत्मिक शुद्धि और भक्ति का होता है, जिसमें अशुद्ध पदार्थों से दूरी अत्यंत जरूरी मानी गई है.
– भोजन पकाने में लोहे के बर्तन से बचें
इस दिन भोजन पकाते या खाते समय लोहे के बर्तनों का उपयोग नहीं करना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि लोहे का संपर्क व्रत की ऊर्जा को नकारात्मक कर सकता है. तीज के दिन मिट्टी, पीतल या कांसे के बर्तनों को शुभ माना जाता है.
– बासी या रात का बचा हुआ भोजन न करें
हरियाली तीज जैसे पुण्य पर्व पर ताजा और शुद्ध भोजन ही ग्रहण करना चाहिए. बासी भोजन को अपवित्र माना जाता है और यह शरीर में आलस्य व रोग की प्रवृत्ति बढ़ा सकता है. इसलिए इस दिन फल, दूध, सूखे मेवे आदि का सेवन करना श्रेष्ठ होता हैं. हरियाली तीज व्रत 2025 में व्रती महिलाओं को विशेष संयम, शुद्धता और श्रद्धा के साथ व्रत नियमों का पालन करना चाहिए.
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खान-पान में पवित्रता और सात्विकता रखने से व्रत का पूर्ण पुण्य फल प्राप्त होता है और माता पार्वती की कृपा से जीवन में सुख, सौभाग्य और समृद्धि आती हैं.

