Gita Jayanti 2025: आज मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है. आज का दिन अत्यंत पवित्र माना जाता है, क्योंकि इसी दिन कुरुक्षेत्र के युद्धभूमि में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. इस दिव्य घटना की स्मृति में हर वर्ष गीता जयंती मनाई जाती है. गीता केवल एक धर्मग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन के हर पक्ष पर प्रकाश डालने वाली ऐसी शिक्षाएं हैं, जो पांच हजार वर्ष पहले जितनी प्रासंगिक थीं. आज भी उतनी ही प्रभावशाली हैं. गीता जयंती का पर्व आज 1 दिसंबर 2025 दिन सोमवार को मनाया जाएगा.
गीता जयंती पूजन विधि
गीता जयंती के दिन एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर उस पर भगवान कृष्ण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. नई गीता की प्रति लाल या पीले कपड़े में लपेटकर रखें. इसके बाद भगवान को फल, मिठाई और पंचामृत अर्पित करें. फिर कृष्ण मंत्र- “वसुदेव सुतं देवं कंस चाणूर मर्दनम्, देवकी परमानंदं कृष्णं वन्दे जगत्गुरुम” का जप कर प्रणाम करें. अंत में गीता जी की आरती करें.
गीता जयंती महत्व
गीता जयंती के दिन गीता का नियमित पाठ जीवन में मुक्ति, मोक्ष, शांति और आत्म-ज्ञान प्रदान करता है, जो लोग जीवन में समस्याओं, तनाव और उलझनों का सामना कर रहे हों, उनके लिए गीता के श्लोक मार्गदर्शन का कार्य करते हैं. भगवान कृष्ण के इन उपदेशों का अर्थ समझने के लिए केवल श्लोक याद करना काफी नहीं होते हैं, बल्कि मन को उतना ही ग्रहणशील बनाना आवश्यक है जितना अर्जुन ने युद्धभूमि पर बनाया था.

