Ganesh Visarjan 2025: प्रथम पूजनीय भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में हर साल देशभर में गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है. यह त्योहार हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि में मनाया जाता है. मान्यता है कि जो भी भक्त पूरे दिल से गणेश चतुर्थी के दौरान भगवान गणपति की प्रतिमा घर में स्थापित कर उसकी पूजा-अर्चना करता है, साथ ही भक्त गणेश भगवान को समर्पित कुछ विशेष आरती गीतों को गाकर गणपति की आराधना करते हैं. कहते हैं कि ऐसा करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इसके साथ ही भगवान गणेश की प्रतिमा को विसर्जित करने से पहले भी घर में उनकी पूजा कर इन आरती गीतों का पाठ करना शुभ माना जाता है.
गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा .
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी .
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा .
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा .
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा .
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया .
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा .
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा .
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा .
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी .
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा .
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
यह भी पढ़े:Ganesh Visarjan 2025: गणेश विसर्जन में बरतें ये सावधानियां, तभी मिलेगा बप्पा का आशीर्वाद

