Ganesh Visarjan 2025: सनातन धर्म में गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है. इस वर्ष यह पर्व 27 अगस्त 2025 से शुरू हुआ था. भक्त गणेश जी की 10 दिनों तक विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं. इसके बाद घरों और पंडालों में स्थापित गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है. माना जाता है कि विसर्जन के दौरान कुछ नियमों और सावधानियों का पालन करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और जीवन से दुख-पीड़ा दूर होती है.
गणेश विसर्जन के नियम
- विदाई से पहले करें गणपति बप्पा की पूजा: गणेश जी को विसर्जन से पहले उनकी आरती और पूजा करनी चाहिए. इसमें फल-फूल, चावल, सुपारी, 21 दूर्वा, हल्दी, कुमकुम अर्पित करें. साथ ही लड्डू और मिठाई का भोग अवश्य लगाएं.
- प्रसाद अर्पित करें: विसर्जन से पहले श्रद्धालुओं को गणेश जी को पांच मोदक अर्पित करने चाहिए. इसके बाद इन मोदकों को अन्य भक्तों में प्रसाद स्वरूप बांटना चाहिए.
- बप्पा का आशीर्वाद लें: प्रतिमा विसर्जन से पहले भक्त गणेश जी के चरणों में झुककर अपने परिवार के लिए सुख, शांति, धन-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मांग सकते हैं.
- घर की ओर रखें प्रतिमा की मुख की दिशा: गणपति बप्पा की प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाते समय उनका मुख घर की ओर रखना चाहिए. ऐसा करने से माना जाता है कि घर पर भगवान गणपति की कृपा बनी रहती है.
- मंत्र और जयकारे: विसर्जन से पहले भक्तों को तीन बार घड़ी की दिशा में परिक्रमा करनी चाहिए. इसके बाद “गणपति बप्पा मोरया, अगले बरसक्ति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ” के जयकारे लगाएँ और गणेश मंत्र का जाप करते हुए बप्पा को विदा करें.
- घर पर विसर्जन: यदि आप घर में ही गणेश विसर्जन कर रहे हैं तो इसके लिए एक स्वच्छ बर्तन या बाल्टी में साफ पानी भरें. विधि-विधान के साथ गणपति बप्पा का विसर्जन करें और फिर उस जल को किसी पेड़ के नीचे अर्पित कर दें.
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