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Ganesh Ji Ki Aarti: जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा … विघ्न विनाशक गणपति की आरती से घर में आएगी शांति और समृद्धि

Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics: ‘जय गणेश जय गणेश देवा’ आरती का पाठ करने से बुद्धि तेज होती है, आत्मविश्वास बढ़ता है और हर काम सुचारू रूप से पूरा होता है. भक्तों का विश्वास है कि गणपति बप्पा की आरती से जीवन में शुभ फल, समृद्धि और मनचाही सफलता प्राप्त होती है.

Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi: गणेश जी की आरती ‘जय गणेश देवा’ का पाठ करने से जीवन की हर बाधा दूर होती है और कार्यों में सफलता मिलती है. विघ्नहर्ता गणपति की आरती मन को शांति, शक्ति और सकारात्मकता देती है. माना जाता है कि शुभारंभ से पहले आरती करना सौभाग्य बढ़ाता है.

Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics anuradha paudwal: गणेश जी की आरती

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी। माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा। लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया। बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी। कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

घर पर गणेश आरती कैसे करें?

आरती आरंभ करने से पूर्व तीन बार शंख का उद्घोष करें. शंख बजाते समय मुख को ऊपर की ओर रखें. शंख को धीरे से प्रारंभ करते हुए, धीरे-धीरे उसकी आवाज को बढ़ाएं.
आरती के दौरान ताली बजाना न भूलें. घंटी को एक समान लय में बजाएं और आरती को भी सुर और लय के अनुसार गाएं. इसके साथ ही झांझ, मझीरा, तबला, हारमोनियम जैसे वाद्य यंत्रों का भी प्रयोग करें. आरती गाते समय उच्चारण को शुद्ध रखें.
आरती के लिए शुद्ध कपास से निर्मित घी की बत्ती का उपयोग करें. तेल की बत्ती से बचना चाहिए. कपूर का भी आरती में प्रयोग किया जाता है. बत्तियों की संख्या एक, पांच, नौ, ग्यारह या इक्कीस हो सकती है. आरती को घड़ी की सुइयों की दिशा में लयबद्ध तरीके से करना चाहिए.

शाम को आरती कितने बजे करनी चाहिए?

शाम की आरती सामान्यतः शाम 4 बजे से 6 बजे के बीच आयोजित की जाती है. हालांकि, यह समय मौसम के अनुसार परिवर्तित हो सकता है.

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Shaurya Punj
Shaurya Punj
रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मास कम्युनिकेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद मैंने डिजिटल मीडिया में 14 वर्षों से अधिक समय तक काम करने का अनुभव हासिल किया है. धर्म और ज्योतिष मेरे प्रमुख विषय रहे हैं, जिन पर लेखन मेरी विशेषता है. हस्तरेखा शास्त्र, राशियों के स्वभाव और गुणों से जुड़ी सामग्री तैयार करने में मेरी सक्रिय भागीदारी रही है. इसके अतिरिक्त, एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और शिक्षा जैसे विषयों पर भी मैंने गहराई से काम किया है. 📩 संपर्क : [email protected]

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