Durga Ji Ki Aarti | Durga Aarti: शारदी नवरात्रि 22 सितंबर 2025 से शुरू हो गई है। नौ दिन तक व्रती माता दुर्गा की पूजा कर उनकी ममता, शक्ति और करुणा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है और मान्यता है कि इस दौरान की गई पूजा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. पूजा के दौरान आरती का विशेष महत्व है. नवरात्रि में माता भगवती की आरती संपूर्ण पूजा का अभिन्न हिस्सा मानी जाती है. आरती के समय उसे जोर-जोर से गाकर पढ़ना चाहिए. यहां पढ़ें मां दुर्गा की आरती के पूरे लिरिक्स और जानें कैसे करें इसे विधिपूर्वक.
मां अंबे जी की आरती (Jai Ambe Gauri Aarti)
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी। दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी॥
सौ-सौ सिहों से है बलशाली, अष्ट भुजाओं वाली, दुष्टों को तू ही ललकारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता। पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥
सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली, दुखियों के दुखड़े निवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना। हम तो मांगें तेरे चरणों में छोटा सा कोना॥
सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली, सतियों के सत को संवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली। वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥
मैया भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली, भक्तों के कारज तू ही सारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती, हम सब उतारे तेरी आरती॥
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