Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी के अवसर पर आजकल लोग अधिकतर इको-फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं का उपयोग कर रहे हैं. मिट्टी, प्राकृतिक रंग और जड़ित सामग्री से बनी ये मूर्तियां न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत शुभ मानी जाती हैं.
कब मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी?
इस साल गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त 2025 को शुरू होगा और 6 सितंबर को समापन होगा. इस बार पर्व के दौरान प्रीति, सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग के साथ इंद्र-ब्रह्म योग का भी शुभ संयोग बन रहा है, जो उत्सव को और अधिक मंगलमय बनाता है.
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भगवान गणेश और उनका महत्व
धार्मिक मान्यता है कि भगवान गणेश बाधाओं को दूर करने और समृद्धि लाने वाले देवता हैं. मिट्टी या प्राकृतिक सामग्री से बने गणेशजी का पूजन करने से प्रकृति और मानव जीवन में संतुलन बना रहता है. पारंपरिक मूर्तियों में रासायनिक रंग और प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है, जो विसर्जन के समय जल और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं. इसके विपरीत, इको-फ्रेंडली मूर्तियां जल में जल्दी घुल जाती हैं और प्राकृतिक रूप से भूमि में मिल जाती हैं.
इको-फ्रेंडली पूजन का धार्मिक दृष्टिकोण
धार्मिक दृष्टि से, इको-फ्रेंडली गणेश पूजन को “सत्य और श्रद्धा से किया गया पूजन” माना जाता है. यह दर्शाता है कि भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए हमें प्रकृति के प्रति सम्मान और अहिंसा का पालन करना चाहिए. ऐसा पूजन न केवल आध्यात्मिक लाभ देता है, बल्कि समाज और पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी उजागर करता है.
धार्मिक आस्था, पर्यावरण और आध्यात्मिक समृद्धि का संगम
इस प्रकार, इको-फ्रेंडली गणेशपूजन धार्मिक आस्था, पर्यावरण संरक्षण और आध्यात्मिक समृद्धि का एक सुंदर संगम है. यह न केवल हमें भगवान गणेश की कृपा प्रदान करता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने में भी मदद करता है.

