Ganesh Chaturthi 2023 Live: आज यानी मंगलवार 19 सितम्बर 2023 को गणेश चतुर्थी मनाया जा रहा है. आज से दस दिनों तक रिद्धि-सिद्धि के प्रदाता व देवाधिदेव भगवान गणेश का आह्वान किया जायेगा. इसे लेकर घर-घर में पूजा की जा रही है. जय देव-जय देव, जय मंगल मूर्ति, दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति... के जयघोष के साथ आज गणेश उत्सव की शुरुआत हो चुकी है. गणेशोत्सव भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी तिथि के दिन तक चलता है. आज मंगलमूर्ति के मूर्तियों की स्थापना घर-घर की जाएगी. आइए जानते है मूर्ति स्थापना मुहूर्त, पूजा विधि और पूजन सामग्री लिस्ट समेत पूरी जानकारी.
भगवान गणेश की पूजा करने समय इस मंत्र का जाप करने से प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।। गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।। इस मंत्र का जाप एक निश्चित संख्या यानी 1 से 10 माला जाप कर सकते हैं.
भगवान गणेश की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल करना वर्जित है. दरअसल, तुलसी ने भगवान गणेश को शादी का प्रस्ताव दिया था. जिसे गणेशजी ने स्वीकार नहीं किया और तुलसी ने उन्हें शाप दे दिया. इससे क्रोधित होकर भगवान गणेश ने भी उन्हें राक्षस से शादी करने का शाप सुना दिया.
सबसे पहले चौकी पर गंगाजल छिड़कें और इसे शुद्ध कर लें.
इसके बाद चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर अक्षत रखें.
भगवान श्रीगणेश की मूर्ति को चौकी पर स्थापित करें.
अब भगवान गणेश को स्नान कराएं और गंगाजल छिड़कें.
मूर्ति के दोनों ओर रिद्धि-सिद्धि के रूप में एक-एक सुपारी रखें.
भगवान गणेश को पुष्प अर्पित करें.
भगवान गणेश को दूर्वा घास भी अर्पित करें.
भगवान गणेश को सिंदूर लगाएं.
भगवान गणेश का ध्यान करें.
गणेश जी को भोग भी लगाएं.
आप गणेश जी को मोदक या लड्डूओं का भोग भी लगा सकते हैं.
इसके बाद भगवान गणेश की आरती जरूर करें.
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ति
दर्शनमात्रे मन कामना पूर्ती
सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची
कंठी झलके माल मुकताफळांची
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति
जय देव जय देव
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति
जय देव जय देव
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना
दास रामाचा वाट पाहे सदना
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति
जय देव जय देव
शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को
दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को
हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को
महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को
जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव
अष्ट सिधि दासी संकट को बैरी
विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी
कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी
गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी
जय देव जय देव
जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव
भावभगत से कोई शरणागत आवे
संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी। माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा। लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया। बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी। कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश जी का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि, स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में दोपहर के प्रहर में हुआ था. ऐसे में गणेश चतुर्थी के दिन पर अगर आप घर पर भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करने जा रहे है तो दोपहर के शुभ मुहूर्त में करना होता है.
आज से दस दिनों तक रिद्धि-सिद्धि के प्रदाता व देवाधिदेव भगवान गणेश का आह्वान किया जायेगा. इसे लेकर राजधानी पटना में तैयारी पूरी हो चुकी है. जय देव-जय देव, जय मंगल मूर्ति, दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति... के जयघोष के साथ आज गणेश उत्सव की शुरुआत हो चुकी है.